अक्षरधाम मंदिर में संत सम्मेलन, 400 महात्माओं और महामंडलेश्वरों ने भाग लिया


नई दिल्‍ली. भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के केंद्र स्वरूप स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर में दिल्ली संत महामंडल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सेवा के 25 वर्ष पूरे होने पर ऐतिहासिक रजत जयंती समारोह मनाया गया. इस आयोजन में 400 संतों, महात्माओं और महामंडलेश्वरों ने भाग लिया और राष्ट्रीय एकता, परस्पर प्रेम, अध्यात्म और धर्म परंपरा पर गहन चर्चा की.

इस साल स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर के द्विदशाब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, इस वजह से संत सम्मेलन का आयोजन किया गया . बीएपीएस संस्था के वर्तमान अध्यक्ष और गुरु परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने भी आशीर्वाद दिया.

सुबह दस बजे संतों का आगमन अक्षरधाम परिसर में हुआ. आगमन के समय सभी संतों, महात्माओं, और महामंडलेश्वरों का स्वागत और पूजन पारंपरिक वैदिक विधि से हुआ. सभा स्थल पर कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और वैदिक मंत्रोच्चार से हुआ. स्वामिनारायण अक्षरधाम के प्रभारी संत, पूज्य धर्मवत्सलदास स्वामी, पूज्य भद्रेशदास स्वामी, पूज्य मुनिवत्सलदास स्वामी के साथ मंच पर उपस्थित अतिथि संतों ने विचार प्रस्तुत किए. सम्मेलन में अध्यात्म, साधुता, प्रेमभाव, भारतीय संस्कृति, राष्ट्रप्रेम और सद्गुणों के महत्व पर चर्चा हुई.

इस संत सम्मेलन के समापन के बाद अक्षरधाम परिसर में उपस्थित संतों ने ध्वज लहराकर सेवा स्वरूप एक नूतन एम्बुलेंस (रोगी वाहन) को सेवार्थ लांच की. यह रोगी वाहन 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ के लिए सेवा में भेजी जाएगी.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रीमहंत नारायण गिरी जी (अंतरराष्‍ट्रीय प्रवक्ता, श्री पाँच दशनाम जून अखाड़ा (वाराणसी), अध्यक्ष दिल्ली संत महामंडल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र), महामंडलेश्वर नवल किशोर दास जी, जैनाचार्य लोकेश मुनि जी, महामंडलेश्वर चिदानंद सरस्वती जी, महामंडलेश्वर स्वामी परगनानंद गिरी जी महाराज, रामकिशन महत्यागी जी, देवकीनन्दन ठाकुरजी महाराज, सुधांशु जी महाराज आदि भी उपस्थित थे. इस संत सम्मलेन में केन्‍द्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा और सांसद मनोज तिवारी उपस्थित रहे.

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