अब चौतरफा घ‍िरेगा चीन, US का दोस्‍त खड़ा करने जा रहा सैटेलाइट का पहाड़, प्‍लान जान उड़ जाएगी ज‍िंनप‍िंग की नींद


हाइलाइट्स

चीन को घेरने के लिए जापान ने प्‍लान तैयार किया है.चीन को निशाना बनाने के लिए जापान ने सेटेलाइट लॉन्‍च का प्‍लान बनाया है.जापान अपने रक्षा बजट को दो गुना करने की तैयारी कर रहा है.

नई दिल्‍ली. पड़ोसी देश चीन को काबू में करने के लिए अमेरिका के खास दोस्‍त जापान ने एक नया प्‍लान तैयार किया है. बीते कुछ वक्‍त में साउथ चाइना सी में ड्रैगन की बढ़ती दादागिरी को देखते हुए जापान ‘फुल-प्रूफ’ प्‍लान के साथ सामने आया है. चीन के जहाजों और सैन्य स्थलों की निगरानी के लिए छोटे सेटेलाइट का एक मल्‍टी-मिलियन डॉलर नेटवर्क जापान तैयार करने जा रहा है. जापानी हवाई क्षेत्र में हाल ही में चीन की घुसपैठ के जवाब में यह कदम उठाया गया है. यह सेटेलाइट नेटवर्क फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए प्रस्तावित किया गया है.

इसे बनाने के लिए 8.5 ट्रिलियन येन का रक्षा बजट जापान ने रखा है. भारतीय करेंसी में यह रकम 4,946 करोड़ रुपये बैठती है. यह रकम मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के रक्षा बजट से 7.4% अधिक है. चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए जापान अपने रक्षा बजट को लगभग दोगुना करने की कोशिश में लगा हुआ है. जापान के आस-पास हवा और समुद्र में अपनी उपस्थिति को चीन लगातार बढ़ा रहा है. जापान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार जुलाई और अगस्त में अपने शेडोंग विमानवाहक पोत के नेतृत्व में एक चीनी बेड़े को जापानी द्वीप सीरीज के दक्षिण में बार-बार देखा गया था, जिसमें जेट लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर बार-बार उड़ान भरते और उतरते थे.

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चीन की दादागिरी पर जापान की सख्‍ती
टोक्यो ने कहा कि एक चीनी सैन्य विमान ने पहली बार जापान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया. रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा ने कहा कि यह घुसपैठ “न केवल जापान की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि हमारी सुरक्षा को भी खतरा है.” जापान ने कहा कि चीनी वाई-9 टोही विमान ने क्यूशू द्वीप के पश्चिम में डेंजो द्वीप के ऊपर लगभग दो मिनट तक जापानी हवाई क्षेत्र में उड़ान भरी. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि दोनों देश इस घटना के बारे में संवाद कर रहे हैं और “चीन का किसी भी देश के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने का कोई इरादा नहीं है.”

अमेरिका पर निर्भरता होगी कम
अधिकारियों ने कहा कि बजट प्रस्तावित नया सेटेलाइट जापान को विरोधी ताकतों के स्थान के बारे में समय से जानकारी देगा. मौजूदा वक्‍त में जापान ऐसी जानकारी के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी पर निर्भर रहता है. जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने सेटेलाइट परियोजना में निवेश करने और उसका प्रबंधन करने के लिए कंपनियों को शामिल करने की योजना बनाई है, जिसका पूर्ण रूप से संचालन 2028 में शुरू होगा. अगले वर्ष के बजट में सेटेलाइट के लिए $2.2 बिलियन के बराबर राशि निर्धारित की गई है. उन्हें कम ऊंचाई वाली एयर स्‍पेस में लॉन्च किया जाएगा.

बार-बार चीन कर रहा क्षेत्र का उल्‍लंघन
जापान ने यह नहीं बताया कि वह कितने सेटेलाइट को लॉन्च करने का इरादा रखता है, लेकिन देश पूर्व एयर चीफ मार्शल काटाओका ने कहा कि रियल टाइम में टारगेट का पता लगाने के लिए सैकड़ों की आवश्यकता होगी. चीन के पास मौजूदा वक्‍त में सेवा में दो विमानवाहक पोत हैं और तीसरे ने हाल ही में अपना पहला समुद्री टेस्‍ट किया है. कहा गया कि जापान के साउथ-वेस्‍ट द्वीप सीरीज में तनाव सालों से बना हुआ है. कभी-कभी चीनी के मछली पकड़ने वाले जहाजों या तट-रक्षक जहाजों को ट्रिगर किया जाता है. संदिग्ध चीनी ड्रोन अक्सर दक्षिण-पश्चिमी सीरीज में द्वीपों के आसपास उड़ते हुए देखे गए हैं, जिसमें 23 अगस्त की घटना भी शामिल है.

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