अब ड्रोन से जरूरतमंदों तक पहुंचाई जाएगी दवा, जल्द शुरू होगी एसटीएच से ये सुविधा


हल्द्वानी: ऋषिकेश एम्स की तर्ज पर अब हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज प्रशासन कोटाबाग क्षेत्र के मरीजों को ड्रोन से दवा पहुंचाने का काम करेगा. इसके लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज को ड्रोन उड़ाने की इजाजत  मिल गई है. इससे कोटाबाग क्षेत्र के मरीजों की खून से संबंधित जांचें आसानी से हो जाएंगी. जरूरत पड़ने पर दूर-दराज के इलाकों में ब्लड भेजना भी ड्रोन के जरिए संभव हो जाएगा. इसका लाभ आपात स्थिति में फंसे लोगों को भी मिलेगा. यह कुमाऊं के लोगों के लिए रामबाण साबित होगा. पहले चरण में ड्रोन सेवा केवल कोटाबाग क्षेत्र के लोगों को दी जाएगी. अगर यह सेवा सफल रही, तो अन्य क्षेत्रों में भी ड्रोन सेवा दी जाएगी.

कब से शुरू होगी सेवा?
इस माह के अंत तक सेवा शुरू हो सकती है. प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. अरुण जोशी ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि अगर सब कुछ ठीक रहा, तो इस महीने के अंत तक यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी. जांच करने और ब्लड भेजने की यह प्रक्रिया कॉलेज के अधीन संचालित डा. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में होगी. भारत सरकार की विशेष योजना के तहत राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से ड्रोन संचालन के लिए पिछले एक वर्ष से प्रक्रिया चल रही थी. कॉलेज स्तर पर पहले प्रशासन और फिर पुलिस से अनुमति के लिए प्रयास होते रहे. अब अनुमति मिल चुकी है.

एम्स ऋषिकेश में प्रयोग शुरू
एम्स ऋषिकेश ने ड्रोन का प्रयोग पहले ही शुरू कर दिया था. इसलिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अपने यहां ड्रोन के संचालन के लिए एम्स ऋषिकेश से सहयोग लिया. कॉलेज प्रशासन ने एम्स ऋषिकेश से टेंडर आदि की प्रक्रिया को समझा और फिर अपने यहां उस पर कार्य किया.

ब्लड जांच में होगी मदद
खून की जांच के लिए मरीजों की हल्द्वानी दौड़ बंद होगी. प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. अरुण जोशी ने कहा कि अगर समय रहते सभी औपचारिकताएं पूरी हुईं, तो इस महीने के अंत तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कोटाबाग में पहुंचने वाले मरीजों को ब्लड जांच के लिए हल्द्वानी नहीं आना पड़ेगा. अस्पताल का स्टाफ ब्लड सैंपल लेकर सीधे ड्रोन के जरिए हल्द्वानी एसटीएच भेज देगा. जांच के बाद रिपोर्ट अस्पताल में मेल और मोबाइल मैसेज के जरिए पहुंच जाएगी. अगर वहां पर किसी मरीज को ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता है, तो भी एसटीएच से ब्लड भेजना संभव हो जाएगा.

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