अमेरिका का वो बाबा, जिसने स्वर्ग का सपना दिखा 909 भक्तों से कराई आत्महत्या, दहल गये लोग
ये हादसा एक अमेरिकी ईसाई पंथ में हुआ, जिसका बाबा खुद को मसीहा कहता थाबाबा ने अमेरिका से भागकर गुयाना में कम्युन बनाया था, वहां लोगों बहुत काम कराया जाता थाकम्युन में हर तरह के अत्याचार होते थे, विरोध करने वालों दंड मिलता था
8 नवंबर1978 के दिन पीपल्स टेम्पल पंथ के बाबा जिम जोन्स के साथ 909 लोगों ने आत्महत्या कर ली. सभी भक्तों को जहर के जरिए आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया. इसे बाद में नरसंहार कहा गया. ये हादसा लातीनी अमेरिकी देश गुयाना में हुआ. बाबा ने अमेरिका से भागकर गुयाना के सुनसान इलाके जोन्सटाउन में बने एक कम्युन बनाया था. कई अनुयायियों को बंदूक की नोंक पर जहर का इंजेक्शन दिया गया. मरने वालों में एक तिहाई बच्चे थे.
जिम जोन्स ने ईसाइयों का एक पंथ बनाया था, जिसे नाम दिया पीपल्स टेम्पल. खुद को उसने करिश्माई बाबा के तौर पर स्थापित किया. इस पंथ की शुरुआत 1950 के दशक में इंडियानापोलिस में हुई. चूंकि बाबा खुद को नस्लवाद विरोधी कहता था, लिहाजा उसके पंथ से जुड़ने वालों में बड़े पैमाने पर अश्वेत अमेरिकी थे.
अमेरिका से भागकर गुयाना में जाकर कम्युन बनाया
1965 में वह अपने कम्युन को उत्तरी कैलिफोर्निया ले गया. लेकिन जब उस पर वित्तीय धोखाधड़ी, अनुयायियों के शारीरिक शोषण और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगने लगे तो आलोचना के बाद वह अनुयायियों के साथ अमेरिका छोड़कर पड़ोसी देश गुयाना चला गया. वहां उसने कम्युन बनाया. यहां पर वह अनुयायियों से खेती कराता था. बाहरी दुनिया में इस कम्युन को शानदार जगह के तौर पर प्रचारित किया. बाबा यहीं अनुयायियों के साथ रहने लगा.
Table of Contents
गुयाना में पीपुल्स टेंपल के कम्युन में बिखरे हुए शव, ये दृश्य जिसने भी देखा, वो देखकर दहल गया. इसमें कुछ लोगों ने खुद जहर लिया तो कुछ को खुद साइनाइड का इंजेक्शन जबरदस्ती दिया गया. (विकी कामंस)
अनुयायियों से खेतों में खूब काम कराया जाता था
उसने गुयाना के एक जंगली इलाके में बड़ा कम्युन बनाया था. संस्था के सदस्यों को खेतों में लंबा काम करना पड़ता था. वहीं बाबा और उसके खास लोग वहां आराम से शानदार जिंदगी गुजार रहे थे. अगर कोई अनुयायी बाबा पर सवाल उठाते तो उन्हें कठोर दंड दिया जाता. उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया जाता. उनके घर भेजे जाने वाले पत्रों को सेंसर कर जाता. अनुयायियों को देर रात तक चलने वाली बैठकों में भाग लेने के लिए मजबूर किया जाता था.
ये है जिम जोन्स, जिसने द पीपुल्स टेंपल नाम के ईसाई पंथ की स्थापना की थी. बाद में इसने खुद को गोली मरवा ली. (विकी कामंस)
बाबा खूब नशा करता था
ये बाबा ना केवल मानसिक तौर पर विक्षिप्त होने लगा थाृ, खूब नशा करने लगा था. उसे ये डर होने लगा था कि जल्दी ही अमेरिकी सरकार उसे पकड़ लेगी. तब उसने अनुयायियों को स्वर्ग का सपना दिखाना शुरू किया. मंदिर के सदस्यों को आधी रात में नकली आत्महत्या का अभ्यास कराया जाने लगा. ये कहा जाने लगा कि जल्दी ही हम सभी लोग एकसाथ स्वर्ग जाएंगे.
जब अमेरिकी कांग्रेसी वहां गया तो उसकी हत्या करा दी गई
इस बीच में जब कैलिफोर्निया के डेमोक्रेट अमेरिकी कांग्रेसी लियो रयान को जब बाबा के फॉर्म हाउस की शिकायतें मिलने लगीं तो वह अपने लोगों के साथ 17 नवंबर 1978 में जोन्सटाउन पहुंचे. उनके सामने बाबा के कुछ अनुयायियों ने फॉर्महाउस में होने वाली गलत बातों की शिकायत.
ये उन लोगों के मेमोरियल हैं, जो 18 नवंबर 1978 को सामुहिक आत्महत्या में मारे गए थे. (विकी कामंस)
उन्हें वहां से निकालने की गुहार की. रयान ने तय किया कि वह अपने साथ पंथ के कुछ लोगों को लेकर अमेरिका जाएगा. बाबा जोन्स इससे परेशान हो गया. उसने चार्टर्ड विमान पर चढ़ने के दौरान ही कांग्रेसी रयान और अन्य लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलवाईं. सभी मारे गए.
फिर बाबा ने सभी को मुख्य मंडप में बुलाया
इसके बाद बाबा ने फॉर्म हाउस में आकर सभी को मुख्य मंडप में इकट्ठा होने के लिए कहा. उनसे कहा गया कि आज के दिन स्वर्ग जाने के लिए सबसे अच्छा दिन है. लिहाजा सभी अनुयायियों को स्वर्गारोहण की तैयारी करने को कहा गया. कुछ तो इस पर तैयार थे लेकिन कुछ नहीं.
बच्चों को जहरीला पेय दिया गया
पहले बच्चों को पेरेंट्स के जरिए ही जहर मिला जूस पिलाने को मजबूर किया गया. फिर बड़ों को लाइन में खड़ा करके साइनाइड का इंजेक्शन दिया गया. जिसने मना किया, उसे बाबा के सशस्त्र गार्डों ने जबरदस्ती इंजेक्शन लगाया.
इस कम्युन में बाबा के अनुयायी इन मामूली घरों में रहते थे. यहां रहना बहुत मुश्किल था. (विकी कामंस)
बाबा ने खुद को गोली मरवा ली
बाबा जोन्स ने खुद जहर नहीं पिया बल्कि उसे गोली से मरा पाया गया. अनुमान लगाया गया कि उसने अपने ही किसी सुरक्षा गार्ड को उसे गोली मारने के लिए कहा होगा.
बच्चे चीख रहे थे और फिर मरने लगे
ओडेल रोड्स, जो इस हादसे में बचे अकेले शख्स थे. उन्होंने नरसंहार के कुछ दिनों बाद वाशिंगटन पोस्ट को बताया , “शुरुआत बच्चों से की गई. साइनाइड के घातक साबित होने में लगभग पांच मिनट लगे. “बच्चे चीख रहे थे और फिर मरने लगे. किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हुआ. क्योंकि ये कहकर जहर पिलाया गया था कि ये केवल अभ्यास है.”
अमेरिका के भीषण सामूहिक हत्याकांडों में एक
जब गुयाना के अधिकारी अगले दिन जोन्सटाउन परिसर में पहुंचे, तो उन्होंने वहां सैकड़ों शव पड़े देखे. कई लोग एक-दूसरे का हाथ थामे हुए थे. हालांकि आत्महत्या से इस फॉर्म हाउस के कुछ अनुयायी बच भी गए, क्योंकि वो किसी तरह वहां से जंगल में भागने में सफल रहे. अमेरिका में इसे जोन्सटाउन नरसंहार के नाम से जाना जाता है, ये अमेरिकी इतिहास में सबसे भीषण सामूहिक हत्याकांडों में एक था.
Tags: Fake Baba, Hathras Case, Hathras news, Hathras Police
FIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 12:40 IST