असिस्टेंट प्रोफेसर से IAS बनी आकांक्षा, 4 बार तक प्री भी नहीं निकला, अंतिम अटेम्प्ट में मिली 44वीं रैंक


शिखा श्रेया/रांची. झारखंड की बेटियों ने एक बार फिर से यूपीएससी एक्जाम में अपना जलवा दिखाया है, जहां जमशेदपुर की स्वाति ने 17वीं रैंक लाकर यूपीएससी में झारखंड टॉपर किया, वहीं रांची की आकांक्षा सिंह ने 44वीं रैंक लाकर रांची का नाम रोशन किया है. आकांक्षा का यह 5वां अटेम्प्ट था. उन्होंने हार नहीं मानी और अपने लास्ट अटेम्प्ट तक कोशिश जारी रखी.

आकांक्षा ने Local 18 को बताया कि मैं रांची के एसएस मेमोरियल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत हूं. शिक्षक के तौर पर पढ़ने का समय बहुत कम ही मिल पाता था. दिनभर कॉलेज में ही बीत जाता था. फिर भी सुबह में 4 घंटे और कॉलेज से आने के बाद 4 घंटे खुद के लिए निकाल लिया करती थी. इन्हीं 8 घंटे में यूपीएससी की तैयारी की.

पापा से मिली प्रेरणा
आकांक्षा बताती हैं कि मुझे अपने पिताजी से प्रेरणा मिली, वह खुद झारखंड के कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव के पद थे. मुझे भी लगता था कि मैं भी एडमिनिस्ट्रेशन विभाग में काफी अच्छा कर सकती हूं. लेकिन, पहले चार अटेम्प्ट में अपना प्रीलिम्स भी नहीं निकल पाई. क्योंकि यह काफी ऑब्जेक्टिव था और मेरा जो एप्टीट्यूड था वह सब्जेक्टिव टाइप का था.

मेंस से ज्यादा प्री कठिन लगता था
आकांक्षा बताती हैं कि मुझे पता था जिस दिन मेरा प्री निकलेगा मैं यूपीएससी जरूर क्लियर कर लूंगी, इसलिए मैंने अपने इस अटेम्प्ट में पूरा जोर लगा दिया. प्री पर खास ध्यान दिया. कई सारे मॉक टेस्ट दिए और अपनी गलती को एनालिसिस किया. मेरा ऑप्शनल सब्जेक्ट ज्योग्राफी था और मैं प्रोफेसर के तौर पर ज्योग्राफी ही पढ़ाती थी, इसलिए मुझे इससे काफी फायदा मिला.

दिल्ली यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई
आकांक्षा बताती है कि मैंने अपनी शुरुआती पढ़ाई जमशेदपुर के राजेंद्र विद्यालय से की. दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा कॉलेज से ग्रेजुएशन कंप्लीट किया. फिर मैंने अपना पोस्ट ग्रेजुएट व एमफिल जेएनयू से किया. फिलहाल, मेरा पीएचडी चल रहा है. अपनी हॉबी के बारे में बताया कि इनडोर प्लांटिंग करना मुझे बहुत पसंद है. बीच में शॉर्ट ट्रिप पर जाती थी, जिससे माइंड रिफ्रेश हो जाता था.

सपने के लिए डंटे रहें
उन्होंने बताया कि बीच-बीच में छोटा-छोटा ब्रेक लेना भी काफी जरूरी होता है. क्योंकि फिर से आप पढ़ाई के लिए तैयार होते हैं. साथ ही, खुद पर भरोसा रखें और जो भी अपने लिए प्लान बनाया है, उसे पर डंटे रहें. जहां कमी है, उसे कमी को देखें और अपना फोकस अपने पर ही रखें. कोशिश करें सोशल मीडिया से दूरी बनाएं और खुद के साथ थोड़ा समय व्यतीत करें. तब आपको अपनी कमी साफ तौर पर नजर आएगी और आप उसे ठीक कर पाएंगे.

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