आखिर बहराइच में भेड़ियों की वजह से कैसे हो गया लोगों का भला? प्रशासन में दिया खास तोफा


बहराइच: भेड़ियों के उपद्रव की वजह से बहराइच के लोग परेशान हैं. आपने भी इस आतंक से होने वाले नुकसान के बारे में सुना होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भेड़ियों की वजह से गांववालों का फायदा भी हुआ है. आप कहेंगे वो कैसे, तो आइए जानते हैं.

भेड़ियों की वजह से ग्रामीणों को मिली खास सुविधा
लगभग 45 दिनों से लगातार भेड़ियों ने उपद्रव मचा रखा है. जिसकी न सिर्फ जनपद में बल्कि प्रदेश समेत पूरे देश में चर्चा है. ऐसे में आदमखोर भेड़िया जहां-जहां हमला कर रहा है. वहां-वहां प्रशासन स्ट्रीट लाइट लगवा रही है. साथ ही जिन लोगों के घरों में दरवाजे नहीं हैं, वहां दरवाजे भी लगाए जा रहे हैं. हां, इस बात में भी कोई शक नहीं है कि गांव वाले इन सबके बावजूद भी खौफ में जी रहे हैं.

भेड़ियों में एक भेड़िया लंगड़ा भी!
प्रशासन ने बीते 1.5 महीने में चार आदमखोर भेड़ियों को पकड़ा है, जिसमें से एक की मौत भी हो गई.  प्रशासन का कहना है कुल 6 भेड़िए हैं. जिसमें से एक भेड़िया लंगड़ा भी है. जो बहुत खतरनाक है. वन विभाग लगातार पकड़ने की कोशिश कर रहा है. लेकिन सारी कोशिश से नाकामयाब साबित हो रही है. ग्रामीणों का कहना है जब तक बचे हुए भेड़िए नहीं पकड़े जाते, तब तक हम लोगों को रात-रात भर जाग कर इसी तरह पहरा देना पड़ेगा.

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ट्रेंकुलाइज के लिए मिली मंजूरी!
बहराइच में चौथे भेड़िए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइजर गन का इस्तेमाल किया. यह गन एक विशेष प्रकार की गन होती है, जो जानवरों को अस्थायी रूप से बेहोश करने के लिए इस्तेमाल होती है. इस गन में दवा से भरी डार्ट (सुई) लगाई जाती है, जिसे जानवर के शरीर में दागा जाता है. डार्ट के जरिए शरीर में पहुंचने वाली दवा मांसपेशियों को शिथिल कर देती है.

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