आजादी के पहले ठेले पर शुरू हुई थी ये पटाखा की दुकान, आज भी लाइन में लगाकर लोग करते हैं शॉपिंग


रायपुर: राजधानी रायपुर में दीपावली की रौनक बढ़ाने के लिए लोग पूरे जोश के साथ पटाखों की खरीदारी में जुटे हैं. आतिशबाजी के बिना दिवाली का उत्साह अधूरा सा लगता है, और आज हम आपको एक ऐसी दुकान की कहानी बता रहे हैं, जिसने आजादी से पहले ठेले पर शुरू होकर आज प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित पटाखा दुकानों में जगह बना ली है. 1887 में स्थापित इस्माइल ब्रदर्स पटाखा दुकान की शुरुआत मोहमद अफजल के परदादा ने की थी. ठेले से शुरू हुई यह दुकान अब एमजी रोड के मांगपारा में स्थित है और पूरे छत्तीसगढ़ में अपनी विश्वसनीयता के लिए जानी जाती है.

इस्माइल ब्रदर्स के एमडी, मोहमद अफजल बताते हैं कि उनके परदादा ने रायपुर के गोलबाजार में पहली दुकान शुरू की थी. वर्षों की मेहनत और ईमानदारी के कारण आज इस्माइल ब्रदर्स एक प्रतिष्ठित नाम बन गया है. ग्राहक अपनी पुरानी यादें ताज़ा करते हुए बताते हैं कि वे यहां अपने दादा या पिता के साथ पटाखे खरीदने आते थे और अब वे अपने बच्चों को लेकर आ रहे हैं. यह पारिवारिक संबंध और ग्राहकों का विश्वास इस दुकान का अनमोल संपत्ति है, जो हर दिवाली पर एक नई चमक लेकर आता है.

ग्रीन क्रैकर्स और नई वैरायटी का आकर्षण
इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, रायपुर का पटाखा बाजार ग्रीन क्रैकर्स से सजा हुआ है. इस्माइल ब्रदर्स की दुकान में भी पर्यावरण-अनुकूल पटाखे, जैसे कि क्रेकलिंग फुलझड़ी, डबल कलर फुलझड़ी, और लाइटिंग वाले पटाखे उपलब्ध हैं. कान फोड़ने वाले तेज आवाज के पटाखे कम हैं और लाइटिंग वाले पटाखों की मांग ज्यादा है. एमजी रोड स्थित इस होलसेल पटाखा दुकान में रिटेल ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ रही है, और प्रतिदिन करीब 500 ग्राहक यहां से पटाखे खरीदने पहुंच रहे हैं.

कीमतों में मामूली बढ़ोतरी
इस बार दिवाली पर महंगाई के बावजूद पटाखों के दाम में सिर्फ 2-4% की बढ़ोतरी हुई है. अफजल का कहना है कि दिवाली का पर्व खुशी का प्रतीक है, और इसे परिवार के साथ उत्साह से मनाएं. ग्राहकों की संतुष्टि और उनका विश्वास इस्माइल ब्रदर्स के लिए सबसे बड़ी पूंजी है, जो हर साल दीपावली पर उनके पास बड़ी संख्या में वापस लौटते हैं.

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