आज भी जीवित है भगवान राम के वंशज! पुत्र लव-कुश ने ऐसे बढ़ाया अपने वंश को आगे, पढ़ें किस नाम से जाने जाते हैं?


हाइलाइट्स

राजा लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ है.राजा कुश से कुशवाह (कछवाह) राजपूतों का वंश बढ़ा.

Descents Of Lord Ram : रामायण तो लगभग सभी ने देखी और सुनी है और भगवान राम के राज्य यानी कि राम राज्य के बारे में भी खूब पढ़ा-सुना होगा. प्रभु राम रघु वंश के थे और जड़ें इक्ष्वाकु और विवस्वान (सूर्य) से जुड़ी रही हैं. भगवान राम के पुत्र लव-कुश ने इस वंश को और भी आगे बढ़ाया. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने अपने दोनों जुड़वा बेटों लव और कुश को अलग-अलग राज्य सौंपे थे. उस काल में कोसल राज्य उत्तर कोसल और दक्षिण कोसल में बंटा था. ऐसे में भगवान राम ने लव को उत्तर भारत में शरावती और कुश को दक्षिण में कुशावती राज्य सौंपा था. दोनों ने अपने राज्यों का विस्तार किया. कहा जाता है कि, भगवान राम के वंशज आज भी जिंदा हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

लव के वंशज
ऐसी मान्यता है कि, राजा लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ है, जिनमें बड़गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश चला. वहीं इसकी दूसरी शाखा में सिसोदिया राजपूत वंश था. इसके अंतर्गत बैछला (बैसला) और गैहलोत (गुहिल) वंश चला.

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कुश का वंश ऐसे बढ़ा
राजा कुश से कुशवाह (कछवाह) राजपूतों का वंश बढ़ा. कुश वंश से मौर्य, सैनी, शाक्य संप्रदाय की स्थापना मानी जाती है. ऐसा माना जाता है कि, वर्तमान में जो सिसोदिया, कुशवाह (कच्छवाहा), मौर्य, शाक्य, बैछला (बैसला) और गैहलोत (गुहिल) आदि राजपूत वंश हैं वो सभी प्रभु राम के वंशज है.

ऐसे बढ़ा कुश का वंश
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कुश से अतिथि, निषधन से, नभ से, पुण्डरीक से, क्षेमन्धवा से, देवानीक से, अहीनक से, रुरु से, पारियात्र से, दल से, छल से, उक्थ से, वज्रनाभ से, गण से, व्युषिताश्व से, विश्वसह से, हिरण्यनाभ से, पुष्य से, ध्रुवसंधि से, सुदर्शन से, अग्रिवर्ण से, पद्मवर्ण से, शीघ्र से, मरु से, प्रयुश्रुत से, उदावसु से, नंदिवर्धन से, सकेतु से, देवरात से, बृहदुक्थ से, महावीर्य से, सुधृति से, धृष्टकेतु से, हर्यव से, मरु से, प्रतीन्धक से, कुतिरथ से, देवमीढ़ से, विबुध से, महाधृति से, कीर्तिरात से, महारोमा से, स्वर्णरोमा से और ह्रस्वरोमा से सीरध्वज का जन्म हुआ. ऐसी मान्यता है कि, कुश वंश से ही कुशवाह, मौर्य, सैनी, शाक्य संप्रदाय की स्थापना हुई.

महाभारत लड़े शल्य भी लव के वंशज रहे
ऐसा कहा जाता है कि, सूर्य वंश भी कुश से निकली शाखाओं से निकला. कहा यह भी जाता है कि, लव और कुश की 50वीं पीढ़ी में ही शल्य हुए, जिन्होंने महाभारत में कौरवों की ओर से युद्ध लड़ा. कुश महाभारत काल के 2500 वर्ष पूर्व से 3000 वर्ष पूर्व हुए थे.

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शल्य के बाद बहत्क्षय, ऊरुक्षय, बत्सद्रोह, प्रतिव्योम, दिवाकर, सहदेव, ध्रुवाश्च, भानुरथ, प्रतीताश्व, सुप्रतीप, मरुदेव, सुनक्षत्र, किन्नराश्रव, अन्तरिक्ष, सुषेण, सुमित्र, बृहद्रज, धर्म, कृतज्जय, व्रात, रणज्जय, संजय, शाक्य, शुद्धोधन, सिद्धार्थ, राहुल, प्रसेनजित, क्षुद्रक, कुलक, सुरथ, सुमित्र हुए. ऐसे में यदि देखा जाए तो आज से 6,500 से 7,000 वर्ष पहले, लव कुश का जन्म हुआ और आज जो लोग खुद को शाक्यवंशी बताते हैं वे भी श्रीराम के वंशज हैं.

Tags: Dharma Aastha, Lord rama, Religion



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