आरक्षण पर गृह मंत्री अमित शाह का फर्जी वीडियो फैलाने के मामले में दिल्ली पुलिस का एक्शन, दर्ज की FIR


नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक छेड़छाड़ किए गए वीडियो को लेकर एफआईआर दर्ज की. तेलंगाना रैली के इस वीडियो में मुसलमानों के लिए आरक्षण कोटा खत्म करने की प्रतिबद्धता का संकेत देने वाले उनके बयानों को बदल दिया गया, ताकि ऐसा लगे कि वह सभी आरक्षणों को ख़त्म करने की वकालत कर रहे थे.

दिल्ली पुलिस से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘हमें गृहमंत्री के संपादित वीडियो के संबंध में एक शिकायत मिली. पुलिस को दो शिकायतें मिलीं, एक भाजपा से और दूसरी गृह मंत्रालय से. इसके बाद दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल साइबर विंग की आईएफएसओ इकाई ने एफआईआर दर्ज किया.’ सूत्रों ने बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153, 153ए, 465, 469, 171जी और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66सी के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू कर दी गई है.

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एफआईआर के अनुसार, गृह मंत्रालय ने अपनी शिकायत में कहा है कि यह पाया गया है कि कुछ छेड़छाड़ किए गए वीडियो फेसबुक और ट्विटर के उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रसारित किए जा रहे हैं. एफआईआर में कहा गया है, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है. इसके जरिए समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है, जिससे सार्वजनिक शांति और सार्वजनिक व्यवस्था के मुद्दों पर असर पड़ने की संभावना है.’

मंत्रालय ने अनुरोध किया है कि कृपया कानून के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें. इसमें यह भी कहा गया है कि शिकायत के साथ एक रिपोर्ट संलग्न की गई थी, जिसमें उन लिंक और हैंडल का विवरण था, जिनसे गृहमंत्री के छेड़छाड़ किए गए वीडियो साझा किए जा रहे हैं.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया, जिसमें कथित तौर पर गृहमंत्री अमित शाह को अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण प्रावधानों को रद्द करने के भाजपा के इरादे का संकेत देते हुए दिखाया गया है.

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