आर्थिक मंदी ने किया पहला शिकार: एक देश को लिया गिरफ्त में, पास पड़ोस के मुल्क भी दिखे सहमे से
नई दिल्ली. यूरोपीय देश नीदरलैंड में जनता की चिंता बढ़ गई है. दरअसल, डच अर्थव्यवस्था मंदी में प्रवेश कर चुकी है. स्टेटिस्टिक्स नीदरलैंड द्वारा बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक, नीदरलैंड की जीडीपी में लगातार दूसरी तिमाही में भी गिरावट दर्ज हुई है.
दूसरी तिमाही में नीदरलैंड की जीडीपी में 0.3 फीसदी की गिरावट आई है. साल के पहले तीन महीनों में 0.4 फीसदी गिरावट के बाद डच अर्थव्यवस्था लगातार दूसरी तिमाही में सिकुड़ गई.
यूरो जोन की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
डच अर्थव्यवस्था, यूरो जोन की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मानी जाती है. नीदरलैंड में आर्थिक वृद्धि 2021 और 2022 में लगभग 5 फीसदी सालाना रही, जो कि कोविड-19 मंदी से तेजी से उबरने के कारण थी.
खाद्य कीमतों और ऊर्जा बिलों में बढ़ोतरी
महामारी के बाद पहली मंदी उपभोक्ता खर्च और निर्यात में गिरावट के कारण आई. बढ़ती महंगाई ने नीदरलैंड और उसके ट्रेडिंग पार्टनर में खाने-पीने की चीजों की कीमतें और एनर्जी बिलों को बढ़ा दिया है.
उपभोक्ता खर्च में 1.6 फीसदी की गिरावट
साल 2023 की शुरुआत के पहले तीन महीनों में ही देश में उपभोक्ता खर्च में 1.6 फीसदी की गिरावट आई जबकि निर्यात में 0.7 फीसदी की गिरावट आई. नीदरलैंड में महंगाई पिछले साल सितंबर में 14.5 फीसदी के शिखर पर पहुंचने के बाद से कम हुई है. हालांकि इस साल की दूसरी तिमाही में यह अभी भी करीब 6 फीसदी अधिक है.
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FIRST PUBLISHED : August 16, 2023, 20:34 IST