इंजीनियरिंग के छात्र अभिषेक अग्रहरि को 25 देशों से मिले 150 से अधिक रिसर्च ऑफर



Engineer Student Abhishek Agrahari इंजीनियरिंग के छात्र अभिषेक अग्रहरि को 25 देशों से मिले 150 से अधिक रिसर्च ऑफर

शिक्षा के क्षेत्र में भारत अनादि काल से ही अग्रणी रहा है और वर्तमान में भी भारतीय छात्र दुनियाभर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. अब दिल्ली के ही अभिषेक अग्रहरि की बात करें तो मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 23 वर्षीय छात्र अभिषेक अग्रहरि ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत 25 देशों के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से शोध से जुड़े 150 से अधिक रिसर्च ऑफर हासिल किए हैं. इंजीनियरिंग के अलावा उन्हें कई देशों के प्रतिष्ठित संस्थानों से गणित के क्षेत्र में भी शोध का प्रस्ताव मिला है. इसके लिए ‘इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स’ में भी अभिषेक का नाम शामिल किया गया है.

कोविड महामारी के बाद आर्थिक चुनौती झेल रहे परिवारों के कई छात्र सफलता का शिखर प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. अभिषेक अग्रहरि भी उनमें से एक हैं जो अपनी कामयाबी की इबारत लिखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. अभिषेक को अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, चीन, रूस, कनाडा, सिंगापुर समेत 25 से अधिक देशों के शीर्ष संस्थानों से विज्ञान और गणित की कई विधाओं में 150 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शोध प्रस्ताव मिले हैं. लेकिन इस उपलब्धि का हकीकत की धरातल पर उतारने के लिए अभिषेक को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अभिषेक का कहना है कि वह शुद्ध और अनुप्रयुक्त गणित से लेकर संघनित पदार्थ भौतिकी, सामग्री विज्ञान, रसायन विज्ञान और रासायनिक जीव विज्ञान तक विभिन्न अनुसंधान विषयों पर कई संस्थानों के साथ रिमोटली कोलैबोरेशन कर रहे हैं. उनके पास अभी भी शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों से कई प्रस्ताव हैं.

अभिषेक अग्रहरि हर दिन कुछ नया तलाशने की निरंतर इच्छा में विश्वास करते हैं. उन्होंने कहा कि शोध ने उन्हें शुरू से ही आकर्षित किया है.

अभिषेक ने बताया, “मैं अमेरिका के मियामी विश्वविद्यालय और रटगर्स विश्वविद्यालय तथा ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में शुद्ध गणित के क्षेत्र में कुछ अन्य विधाओं के साथ इम्पीरियल कॉलेज, लंदन/ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (रिमोटली) में ब्लैक होल के निर्माण पर काम कर रहा हूं.”

अभिषेक ने कहा , ”मैं फ्लूइड मैकेनिक्स के व्यापक क्षेत्रों में अनुसंधान में भी सक्रिय रहा हूं, विशेष रूप से द्रव-संरचना अंतःक्रिया सिद्धांत, प्लाज्मा भौतिकी, जल तरंग यांत्रिकी, गतिज सिद्धांत, गणितीय सामान्य सापेक्षता, ब्लैक होल, गैर रेखीय तरंगों के अचानक गुरुत्वाकर्षण के पतन के कारण ब्लैक होल का निर्माण और गेज सिद्धांत.’

अभिषेक को एमआईटी, ऑक्सफ़ोर्ड, इम्पीरियल, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड इंग्लैंड, सीएनआरएस फ्रांस, पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका, इलिनाय विश्वविद्यालय अमेरिका, टेक्नीसीक यूनिवर्सिट म्यूनिख जर्मनी, तेल अवीव विश्वविद्यालय, बीजिंग कम्प्यूटेशनल साइंसेज रिसर्च सेंटर, चीन, शंघाई जिया टोंग विश्वविद्यालय, चीन, ग्यांगसांग राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, दक्षिण कोरिया, एडिलेड विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलियन स्कूल आफ पेट्रोलियम साइंसेज, यूनिवर्सिडाड पोलिटेकिनिका डी मैड्रिड, स्पेन, हेरियट-वॉट यूनीवेरिस्टी, एडिनबर्ग लिथुआनियाई ऊर्जा संस्थान, और एकक्टे-इंस्टीट्यूटो यूनिवर्सिटारियो डे लिस्बोआ, लिस्बन से रिसर्च इंटर्नशिप के ऑफर हैं. इतना ही नहीं, उन्हें डीआरडीओ, आईआईटी जैसे भारत के उच्च तकनीकी शिक्षा संस्थानों से भी जुड़ने का मौका मिला है.

गणित के क्षेत्र में शोध कार्यों के लिए उनके पास ऑस्ट्रेलियाई नेशनल यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया), मियामी विश्वविद्यालय (यूएसए), बुडापेस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इकोनॉमिक्स (हंगरी), द चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग (हांगकांग) और यूनिवर्सिटी ऑफ फेरारा (इटली) से भी ऑफर हैं.

अभिषेक ने गैस टरबाइन इंजन पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ काम किया है. आईआईटी बॉम्बे में फ्लूड स्ट्रक्चर इंटरेक्शन पर और आईआईटी कानपुर में तरल पदार्थ की गतिशीलता पर काम किया है. उनके पास आईआईटी, खड़गपुर, आईआईटी इंदौर और आईआईटी मद्रास से भी ऑफर है. उनके पास फिलहाल आफरों की संख्या उनके उम्र से भी अधिक है. अभिषेक ने कहा कि ये आफर हासिल करना इतना आसान नहीं रहा. इसके लिए प्रतिभा के साथ-साथ सम्बंधित विषय के बारे में व्यापक ज्ञान का होना बेहद जरूरी है. इसके लिए कई दौर के टेस्ट व इंटरव्यू के दौर से गुजरना पड़ता है. पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही प्रोफेसर आपको अपने लैब में आने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.

अपनी रूचि के विषय के बारे में अभिषेक ने बताया कि वह द्रव यांत्रिकी के व्यापक क्षेत्रों के अनुसंधान विशेष रूप से द्रव संरचना इंटरएक्शन सिद्धांत, प्लाज्मा भौतिकी, जल तरंग यांत्रिकी, गतिज सिद्धांत, गतिज समीकरण और मॉडल जैसे बोल्ट्जमान समीकरण, तरल पदार्थ गतिज युग्मित मॉडल, गणितीय सामान्य सापेक्षता के अलावा ब्लैक होल, गैर रेखीय तरंगों और गेज सिद्धांत के अचानक गुरुत्वाकर्षण पतन के कारण ब्लैक होल का निर्माण में काम कर रहे हैं.

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