इन पांच तत्वों से उतारी जाती है मां नन्दा सुनंदा को दिन भर में लगी नजर, जानें कब होती है खास पंच आरती
नैनीताल: उत्तराखंड के नैनीताल में इन दिनों नंदा देवी महोत्सव की धूम है. मां नंदा सुनंदा कुमाऊं की अधिष्ठात्री देवी हैं. प्रदेश के विभिन्न इलाकों में इस महोत्सव को धूम धाम से मनाया जाता है. नैनीताल में कदली के वृक्ष से मां की मूर्तियों का निर्माण किया जाता है और नंदा अष्टमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मां की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा कर भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर प्रांगण में स्थापित की जाती है. शाम के समय मां की खास आरती उतारी जाती है. जिसे पंच आरती कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस आरती में प्रकृति के पांच तत्वों से मां की नज़र उतारी जाती है.
महोत्सव के आयोजक संस्था श्री राम सेवक सभा के पदाधिकारी डॉ ललित तिवारी बताते हैं कि महोत्सव के दौरान शाम ढलते ही रोजान ठीक साढ़े छः बजे मां नन्दा सुनंदा की पांच तत्वों जल, वायु, अग्नि, पुष्प, कपड़े से पंच तत्वों से आरती उतारी जाती है. पंच आरती में पूरा मंदिर परिसर भक्तों की भारी भीड़ से भरा रहता है. ढोल और पहाड़ी वाद्य यंत्रों की मधुर धुन पर माता की आरती उतारी जाती है. जिसके बाद भक्तों को मां का प्रसाद दिया जाता है.
प्रोफेसर तिवारी बताते हैं कि श्रद्धालुओं की आस्था है कि जो भी गलतियां पूर्व में उनसे हुई है पंच आरती में उपस्थिति मात्र से ही मां नन्दा सुनंदा उनकी गलतियों को माफ कर देंगी और उनकी मनोकामनाएं पूरी करेंगी.
उतारी जाती है मां की नजर
मान्यताओं के अनुसार सूर्यास्त के बाद होने वाली इस पूजा में दिन भर लगी मां की नजर को उतारा जाता है. आरती के दौरान पूरा मंदिर प्रांगण मां के जयकारों से गूंज उठता है. ढोल, घंटियों की मधुर ध्वनि के साथ ठीक शाम साढ़े छः बजे माता की पंच आरती की शुरुआत पंडित भगवत जोशी करते हैं. एक घंटे तक चलने वाली मां की पंच आरती के बाद भक्तों को ना सिर्फ मां के दर्शन करने का मौका मिलता है बल्कि आरती के बाद प्रसाद का वितरण भी किया जाता है. इस आरती के लिए दूर दूर से लोगों की आस्था का सैलाब मंदिर में उमड़ता है.
FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 21:19 IST