इन मेडिसिनल प्लांट्स की खेती से कर सकते हैं करोड़ों की कमाई, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में है खूब डिमांड


पश्चिम चम्पारण. यदि आप किसान हैं और कृषि कार्य से ही करोड़ों की कमाई करना चाहते हैं, तो आपको मेडिसिनल प्लांट्स की खेती जरूर करनी चाहिए. आपने कभी सोचा भी नहीं होगा कि मेडिसिनल प्लांट्स की खेती आपको किस स्तर का लाभ दिला सकती है और एक छोटे से किसान से इंटरनेशनल मार्केट में व्यापार करने वाले बड़े व्यापारी के रूप में पहचान दिला सकती है.

मेंथा, शतावर, मूसली, अश्वगंधा, यूकेलिप्टस जैसे आदि कुछ ऐसे पौधे हैं, जिनकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 1000 से 1500 रुपए किलो तक है. बड़ी बात यह है कि यदि आप मेंथा और यूकेलिप्टस जैसे कुछ मेडिसिनल प्लांट्स से ऑयल प्रोसीडिंग का काम करते हैं, तो यह आपको 4000 रुपए लीटर तक का रेट दे सकता है.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर है औषधीय पौधों की मांग
जिले के माधवपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक धीरू कुमार तिवारी बताते हैं कि औषधीय पौधों की खास बात ये है कि इनका दवा बनाने के साथ-साथ पौष्टिकता से भरी खाद्य सामग्रियों को बनाने और कई जरूरी कार्यों में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा कम लागत में इन औषधीय फसलों की खेती भी पूरी हो जाती है.

इसके बाद इनकी मांग देश-दुनिया में बहुत उच्च स्तर पर बरकरार रहती है. यदि इन सभी पहलुओं पर विचार किया जाए, तो शायद ही ऐसा कोई किसान होगा, जो इसकी खेती नहीं करना चाहेगा. अच्छी बात यह है कि पश्चिम चम्पारण जिले के कुछ किसानों ने इन औषधीय पौधों की खेती बड़े स्तर पर की है. इस वजह से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहचान मिली है.

17 वर्षों से खेती कर रहे किसानों का अनुभव
जिले के मझौलिया प्रखंड के रुलहीं गांव के रहने वाले किसान परशुराम पिछले 17 वर्षों से मेंथा, सफेद मूसली और अश्वगंधा की खेती करते हैं. परशुराम का कहना है कि मेंथा की कटाई के बाद वे उससे ऑयल ( मेंथॉल ) निकालते हैं. जिसे घर से ही एक संघ के जरिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2500 से 4000 रुपए लीटर की कीमत पर बेचते हैं. वे एक साल में करीब 1000 लीटर मेंथॉल की प्रोसेसिंग करते हैं. ठीक इसी प्रकार कृषक रमाशंकर पिछले 15 वर्षों से शतावर की खेती करते हैं. जिसे 1000 रुपए किलो की कीमत पर बाजार में बिक्री करते हैं.

खेती में लागत और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत
कृषि वैज्ञानिक डॉ. धीरू ने इन प्लांट्स की खेती पर होने वाले खर्च और आमदनी से जुड़ी अहम जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि अश्वगंधा, मूसली, मेंथा, मोरिंगा, कालमेघ और शतावरी सहित कुछ अन्य मेडिसिनल प्लांट्स की खेती पर एक एकड़ में लगने वाला खर्च लगभग 25 से 50 हजार रुपए तक आता है. जबकि बाजार में शतावर की बिक्री करीब 40 हजार रुपए प्रति क्विंटल, सफेद मूसली 65 हजार रुपए प्रति क्विंटल, अश्वगंधा 15 हजार रुपए प्रति क्विंटल, मेंथॉल 2500 से 4000 हजार रुपएलीटर और सर्पगंधा 35 हजार रुपए प्रति क्विंटल बिकता है.

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