इस गांव के मंदिर खूबसूरती में खजुराहों के मंदिरों को भी दे रहे हैं टक्कर, देखिए इनकी मनमोहक तस्वीरें



3045767 HYP 0 FEATURE1686221792716 इस गांव के मंदिर खूबसूरती में खजुराहों के मंदिरों को भी दे रहे हैं टक्कर, देखिए इनकी मनमोहक तस्वीरें

हिमांशु अग्रवाल/छतरपुर. छतरपुर जिले के खजुराहो की पहचान देश ही नही पूरे विश्व में हैं यहां के चंदेलकालीन मन्दिर स्थानीय पर्यटकों के साथ ही विदेशी सैलानियों को भी खूब लुभाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं छतरपुर जिले में एक ऐसा स्थान है जिसे मिनी खजुराहो कहा जाता है.

जी हां, हम बात कर रहे हैं जिले के चंदला तहसील के अंतर्गत आने वाले ब्यासबदौरा गांव की, जहां खजुराहो के मन्दिरों की ही तरह चंदेलकालीन मन्दिर स्थित हैं, ये मंदिर 12वीं सदी के हैं, जो लगभग खजुराहो मंदिरों की शैली में ही बने हुए हैं. वर्ष 2011-12 में मध्यप्रदेश पुरातत्व विभाग ने इन्हें अपने संरक्षण में लिया था और इसके बाद इन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए बजट भी आया. काफी दिनों तक कार्य चला लेकिन लगभग 60 प्रतिशत काम होने के बाद आखिरकार काम बंद हो गया और अब लगभग 6 – 7 साल से ये पुरातात्विक धरोहर उपेक्षित नजर आ रही है.

छतरपुर से 100 किमी. दूर है यह गांव
हम आपको बता दें कि छतरपुर से लगभग 100 किलोमीटर दूरी पर स्थित व्यासबदौरा गांव में ये मंदिर हैं, जो खूबसूरती में खजुराहों के मंदिरों को भी टक्कर देते है, हालांकि फिलहाल बदहाली का शिकार हैं. मध्यप्रदेश के पुरातत्व विभाग ने इन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 3-4 साल तक काम किया, लेकिन उसके बाद से यह मंदिर अब वीरान पड़े हुए हैं.

मरम्मत होने से आएंगे पर्यटक
स्थानीय लोगों से बात करने पर पता चला कि जिस तरीके से खजुराहो के चंदेलकालीन मंदिरों का रख-रखाव किया जाता है, यदि उसी तरह व्यासबदौरा के मंदिरों की भी देखभाल की जाए, तो यहां पर देश ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी घूमने आएंगे. इससे न सिर्फ राज्य सरकार को फायदा पहुंचेगा, बल्कि स्थानीय लोगों का भी रोजगार बढ़ जाएगा.

इन चंदेलकालीन मंदिरों के पास एक तालाब भी है जिसमें देखरेख के अभाव में स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. इसमें अब जुताई और बुवाई की जा रही है. तालाब फूटा पड़ा हुआ है, जिससे उसमें पानी भी नहीं रुकपाता है.

.

FIRST PUBLISHED : June 09, 2023, 22:23 IST



Source link

x