इस देश ने केवल भारत को दी ये बड़ी छूट, मार्कोस और NSG कमांडो को घातक छोटे हथियारों की नहीं होगी कमी
नई दिल्ली. हाल ही में जर्मनी ने भारत को छोटे हथियारों की बिक्री पर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया है. यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक और सैन्य संबंधों को दिखाता है. सूत्रों के मुताबिक जर्मनी ने पहले गैर-नाटो देशों को छोटे हथियारों की बिक्री पर रोक लगा दी थी. हालांकि भारत को छूट देने के इस ताजा कदम से जर्मनी से भारतीय सेना और राज्य पुलिस बलों को छोटे हथियारों की बिक्री का रास्ता खुल जाएगा. राजनयिक सूत्रों के मुताबिक जर्मनी ने इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) को उसके स्टॉक में मौजूद MP5 सबमशीन गन के लिए स्पेयर पार्ट्स और एक्सेसरीज खरीदने की अनुमति दे दी है.
जर्मन कंपनी हेकलर एंड कोच MP5 सबमशीन गन बनाती है. जो मौजूदा वक्त में एनएसजी और भारतीय नौसेना के समुद्री मार्कोस कमांडो उपयोग करते हैं. सूत्रों के मुताबिक जर्मनी ने पिछले महीने में कई भारतीय अनुरोधों को मंजूरी देकर अपने निर्यात लाइसेंस नियमों को भी काफी हद तक आसान बना दिया है. इससे पहले भी, भारत के 95 फीसदी अनुरोधों को मंजूरी दे दी गई थी. लेकिन यह प्रक्रिया समय लेने वाली थी, जिसने जर्मनी को प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए प्रेरित किया.
जर्मनी भारत के भविष्य के लाइट टैंक कार्यक्रम के लिए इंजन उपलब्ध कराने पर भी भारत के साथ बातचीत कर रहा है. हालांकि यह प्रारंभिक चरण में है और विचाराधीन है. एक राजनयिक सूत्र ने कहा कि इस साल अगस्त में निर्धारित बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ भारतीय और जर्मन सेना के बीच बढ़ती भागीदारी को दिखाता है. जिसमें जर्मन वायु सेना पहली बार बड़ी संख्या में भाग लेगी. वह लड़ाकू जेट और विमान निर्माता एयरबस द्वारा निर्मित A-400M परिवहन विमान भी प्रदर्शित करेगी. भारतीय वायु सेना अपने एएन-32 के बजले में 18 से 30 टन की क्षमता वाले मध्यम दर्जे के परिवहन विमान (एमटीए) की तलाश कर रही है, जिसमें कई वैश्विक निर्माता रुचि ले रहे हैं.
.
Tags: Germany, India vs Germany, Weapons
FIRST PUBLISHED : April 27, 2024, 19:25 IST