इस स्टार किड ने 10 साल तक नहीं दी एक भी सोलो हिट फिल्म, फिर भी कहलाया स्टार
आज ये बात काफी पॉपुलर है कि फिल्म या ग्लैमर इंडस्ट्री में ‘आउटसाइडर्स’ के कम्पैरिजन में ‘इनसाइडर्स’ ज्यादा हैं. एक्टर्स और फिल्म मेकर्स की यंग जनरेशन को आसानी से मौके मिल रहे हैं. पहले से इंडस्ट्री का हिस्सा रहे स्टार्स के मुकाबले सेल्फ मेड स्टार्स का नंबर कम है पीढ़ियों से बॉलीवुड का हिस्सा रहे स्टार्स के लिए यह काफी हद तक सच है. चाहे वह कपूर परिवार में हो या कई किसी दूसरी फिल्म मेकर फैमिली में. ‘नेपो किड्स’ का इंडस्ट्री में शामिल होना आसान रहा है. हालांकि वे कितना चल पाएंगे यह उनके टैलेंट और दर्शकों के रिएक्शन पर डिपेंड करता है. आज हम आपको एक ऐसे स्टार किड से मिलवाने वाले हैं जिसने अपने लंबे फिल्मी करियर में हिट तो कम ही दीं लेकिन फिर भी स्टार कहलाता है.
वह ‘स्टार’ जिसे करियर के पहले 10 साल तक कोई सोलो हिट नहीं मिली
सैफ अली खान ने 1993 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की. वह ना केवल पटौदी के नवाब (पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मंसूर अली खान) के बेटे थे बल्कि मशहूर एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर के भी बेटे थे. इसने उन्हें जनता के बीच एक जाना-पहचाना नाम और चेहरा बना दिया और फिल्म मेकर्स का भी फेवरेट बना दिया जो उनकी मौजूदा पॉपुलैरिटी पर भरोसा करना चाहते थे. हालांकि शुरुआती कुछ साल सैफ के करियर के लिए मुश्किल थे. उनकी सभी शुरुआती हिट फिल्में या तो मल्टी-स्टारर थीं या कम से कम दो हीरो वाली फिल्में थीं. इनमें ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’, ‘ये दिल्लगी’, ‘कच्चे धागे’ और ‘क्या कहना’ शामिल हैं. असल में 1993 में अपनी पहली फिल्म से लेकर 2004 में ‘हम तुम’ तक सैफ ने 29 फिल्मों में काम किया जिनमें से केवल छह सफल रहीं लेकिन किसी में भी उन्होंने सोलो हीरो के रूप में काम नहीं किया.
मजे की बात यह है कि सैफ पर फिर भी स्टार का ठप्पा लगा रहा और उन्हें बड़ी फिल्में मिलती रहीं. जहां तीन खानों ने बॉक्स ऑफिस पर राज किया वहीं कई ट्रेड पंडित अक्सर सैफ को भी उनके साथ जोड़ते थे और उन्हें चौथा खान कहते थे.