ईवीएम नहीं तो क्या बैलेट पेपर से होगा चुनाव, हरियाणा चुनाव आयोग से आया बड़ा अपडेट
Agency:News18India
Last Updated:
देश में ईवीएम मशीनों ने पेपर बैलेट की जगह ले ली है. अब दो दशक से अधिक समय हो चुका है, लेकिन हर चुनाव के बाद इन मशीनों पर सवाल उठते रहते हैं. हाल ही में महाराष्ट्र में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने सवाल उठाए…और पढ़ें
![ईवीएम नहीं तो क्या बैलेट पेपर से होगा चुनाव, हरियाणा चुनाव आयोग से आया बड़ा... ईवीएम नहीं तो क्या बैलेट पेपर से होगा चुनाव, हरियाणा चुनाव आयोग से आया बड़ा...](https://i0.wp.com/images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/news18-hindi-10-2025-02-802ff8b5dec554e2a598ca429900665b.jpg?resize=640%2C480&ssl=1)
हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त धनपत सिंह
हाइलाइट्स
- हरियाणा में निकाय चुनाव ईवीएम से ही होंगे.
- कांग्रेस ने बैलेट पेपर से चुनाव की मांग की थी.
- 12 मार्च को मतगणना की जाएगी.
गुरुग्राम: देश में ईवीएम मशीनों ने पेपर बैलेट की जगह ले ली है. अब दो दशक से अधिक समय हो चुका है, लेकिन हर चुनाव के बाद इन मशीनों पर सवाल उठते रहते हैं. हाल ही में महाराष्ट्र में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने सवाल उठाए. वहीं, लोकसभा चुनाव के बाद भी विपक्ष ने ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे. एक बार फिर बेचारी ईवीएम चर्चाओं में आ गई है. अब हरियाणा में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस ने हंगामा करना शुरू कर दिया. वह लगातार मांग कर रही है कि ईवीएम मशीन की जगह चुनाव बैलेट पेपर से करवाए जाएं. अब हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने ेक बड़ा फरमान सुना दिया है. आइए जानते हैं कि आखिर चुनाव आयोग ने क्या फैसला लिया…
कांग्रेस नेता मिलने पहुंचे थे
दरअसल, हाल ही में हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान सिंह अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त धनपत सिंह से मुलाकात करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने धनपत सिंह एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें हरियाणा में 2 मार्च को होने वाले निकाय चुनाव ईवीएम मशीनों की बजाय वैलेट पेपर से करवाए जाने की मांग की गई थी. इसके अलावा हरियाणा में एससी एसटी रिजर्वेशन को लेकर भी मांग की थी.
क्या बोले चुनाव आयुक्त?
अब हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त धनपत सिंह ने साफ कह दिया है कि हरियाणा में निकाय चुनाव ईवीएम मशीनों से ही करवाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि कल हरियाणा कांग्रेस की तरफ से कुछ नेता मेरे पास आए थे. उन्होंने कहा था कि ईवीएम मशीनों में आए दिन शिकायतें रहती हैं और निकाय चुनाव ईवीएम मशीनों की बजाय बैलेट पेपर से करवाए जाएं. इसके अलावा, उन्होंने मांग की थी कि उत्तराखंड की तरह यहां भी बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए. वहीं, कांग्रेस नेता ने अपने ज्ञापन में खुद ही यह भी लिखा था कि ईवीएम मशीन इसलिए इंट्रोड्यूस की गई थी क्योंकि यह सुपीरियर टेक्नोलॉजी एडवांस है.
ईवीएम मशीनों से समय की बचत होती
धनपत सिंह ने कहा कि ईवीएम मशीनों से समय की बचत होती है. नेताओं ने कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया कि ईवीएम मशीन से बाहर से कोई छेड़छाड़ हो सकती है या ईवीएम मशीनों को बाहर से कंट्रोल किया जा सकता है. भारत निर्वाचन आयोग में भी कई बार इसे लेकर सवाल उठ चुके हैं. यहां तक कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. तब शीर्ष अदालत ने कहा था कि शक के आधार पर किसी टेक्नालॉजी को बंद नहीं कर सकते. बैलेट पेपर से समय काफी लगता था और कई बार वोटों की गिनती में भी गड़बड़ी हो जाती थी.
उन्होंने कहा कि मशीन को लेकर किसी तरह से कोई संदेह नहीं है और हमने अपनी तसल्ली कर ली है. उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा मांग पत्र में दूसरी मांग एससी एसटी रिजर्वेशन को लेकर है. यह राज्य सरकार के अर्बन लोकल बॉडी के अधिकार क्षेत्र में आता है और उन्हीं से बात करनी चाहिए. कांग्रेस द्वारा दिए गए ज्ञापन पर उचित जवाब आज भेज दिया जाएगा.
पहले भी ईवीएम से ही हुए चुनाव
चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा 2022 के निकाय चुनाव में भी यही ईवीएम मशीन इस्तेमाल हुई थी और उस समय भी कहीं भी रिपोलिंग नहीं हुई. 2022 में पंचायत चुनाव भी ईवीएम के जरिए हुए थे. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव भी ईवीएम मशीनों के तहत करवाए गए थे और किसी भी राजनीति पार्टी ने कोई ऑब्जेक्शन नहीं किया था. उन्होंने कहा कि हमें ईवीएम पर कोई शक नहीं है, जिसके चलते निकाय चुनाव ईवीएम मशीनों से ही करवाए जाएंगे.
इस पर भी विपक्ष ने उठाए सवाल
हरियाणा में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर मतदान और मतगणना के बीच 10 दिन का अंतर होने का भी सवाल हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान द्वारा उठाया गया था. इस पर हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि जिस दिन निकाय चुनाव होते हैं उसी दिन काउंटिंग नहीं होती. अगर कहीं पर गड़बड़ी होती है तो वहां पर रिपोलिंग का प्रावधान करवाना होता है और आयोग को उसकी व्यवस्था करनी पड़ती है. 2 मार्च को म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और म्युनिसिपल काउंसिल कमेटियों के चुनाव होने हैं. पानीपत की वोटर सूची 19 फरवरी को पब्लिश होगी. इसलिए उनका चुनाव 9 मार्च को है और अगर 11 मार्च को पानीपत के रिपोल होता है तो वह करवाया जाएगा. 12 मार्च को मतदान करना होगा.
12 मार्च को मतगणना
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी लोकसभा के चुनाव सात चरणों में हुए थे और चुनाव में किसी प्रकार का प्रभाव न पड़े इसलिए एक साथ 12 मार्च को मतगणना करवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि मतदान होने के बाद सभी राजनीतिक पार्टियों के पोलिंग एजेंट की मौजूदगी में मशीनों को सील किया जाता है और पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रांग रूम में उन्हें रखा जाता है. ऐसी कोई गड़बड़ नहीं हो सकती.
चुनाव खर्च बढ़ाया गया
हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त ने कहा कि इस बार उम्मीदवारों का चुनाव खर्च बढ़ाया गया है क्योंकि महंगाई बड़ी है और जो उम्मीदवार आचार संहिता का उल्लंघन करता है उसके लिए पुलिस और जिला प्रशासन को हिदायतें दी गई हैं. अगर ऐसी कोई शिकायत आती है तो कैश को जब्त किया जाएगा और एक्ट के तहत रेलीवेंट कार्रवाई की जाएगी.
Gurgaon,Gurgaon,Haryana
February 11, 2025, 16:36 IST