उत्तराखंड के जंगलों में जल्द बुझ जाएगी आग, तैयार हुआ ‘मेगा प्लान’, ये केमिकल करेंगे कमाल और देखेंगे चमत्कार
देहरादून : उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बुझाने को बुझाने का नया मेगा प्लान तैयार हो रहा है. इस प्लान को अमलीजामा पहनाने में उत्तराखंड सरकार को IIT कानपुर के वैज्ञानिकों की मदद मिल सकती है. अगर ये प्लान कामयाब हो गया तो उत्तरांखड के धधक रहे जंगलों में आग बुझ सकेगी. इसकी शुरूआत पौड़ी गढ़वाल से हो सकती है, क्योंकि जंगल की आग से सबसे ज़्यादा परेशानी पौड़ी गढ़वाल में ही हो रही है. यहां आग का सबसे ज्यादा तांडव देखा जा रहा है. आग बुझाने के तमाम प्रयास अभी तक प्रशासन की ओर से किए जा रहे हैं.
दरअसल, उत्तराखंड के जंगलों में लगी भयंकर आग को बुझाने के लिए राज्य सरकार ने कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी कर ली है. जंगल में फैली आग से निपटने के लिए एक दिन पहले वायु सेना के हेलिकॉप्टर ने आसमान से जंगलों पर पानी और केमिकल का छिड़काव किया था. वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने पौड़ी गढ़वाल इलाक़े में कई चक्कर लगाए थे और हर बार पानी और केमिकल छिड़ककर सुलगते जंगलों को शांत करने की कोशिश की थी, लेकिन आग उत्तराखंड के एक बड़े हिस्से में फैल चुकी है, इसलिए इसे बुझाने के लिए बड़ी कोशिश की तैयारी हुई, क्योंकि धामी सरकार जंगलों की आग बुझाने के लिए कृत्रिम बारिश तैयारी कर रही है. उत्तराखंड के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कहना है कि प्रयास कर रहे हैं कि उत्तराखंड में भी क्लाउड सीडिंग की तकनीक से बारिश करवाई जाए.
कृत्रिम बारिश को क्लाउड सीडिंग भी कहते हैं. ख़बर है कि क्लाउड सीडिंग कराने के काम में IIT कानपुर के वैज्ञानिक उत्तराखंड सरकार की मदद कर सकते हैं.
क्लाउड सीडिंग तकनीक में केमिकल की मदद से बादलों को बारिश के लिए तैयार किया जाता है और सिल्वर आयोडाइड, साल्ट और ड्राई आइस जैसे केमिकल को आसमान में पहले से मौजूद बादलों पर छोड़ा जाता है. ये केमिकल बादलों में मौजूद नमी को खींच लेते हैं और फिर पानी की बूंदे बनती हैं और फिर बारिश बनकर ज़मीन पर बरसती हैं.
उत्तराखंड की सरकार वहां के जंगलों में लगी भयंकर आग को बुझाने के लिए इसी तरीके का इस्तेमाल करने की तैयारी में है, क्योंकि कई दिनों से उत्तराखंड के एक बड़े हिस्से में आग लगी हुई है. प्रशासन कड़े फ़ैसले भी ले चुका है. लोगों को कूड़ा जलाने और पराली जलाने से रोका जा चुका है, लेकिन जंगलों में जो आग धधक रही है, वो बढ़ती ही जा रही है और ऐसे हालात में आसमान से होने वाली बारिश पर उम्मीदें टिक गईं, लेकिन ये बारिश प्राकृतिक नहीं होगी. बल्कि इंसान ये बारिश करवाएंगे. या यूं कहें कि कुछ दिनों पहले दुबई में जिस क्लाउड सीडिंग की वजह से बाढ़ आने की बात कही गई थी. वही क्लाउड सीडिंग उत्तराखंड के जंगलों की आग बुझाने में इस्तेमाल होगी.
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FIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 10:44 IST