एक कॉल और बैंक अकाउंट से उड़ गए करीब 50000 रुपए, फिर 100 दिनों की मशक्कत, और हासिल कर लिया अपना पैसा


नई दिल्ली. आपके पास एक फोन आता है और बातों में फुसलाकर वो कुछ ऐसा कहता है, जिसके बाद आप उसकी बात मान लेते हैं और फिर देखते ही देखते आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं. इस तरह के साइबर फ्रॉड की खबरें आपने बहुत सुनी होंगी. आमतौर पर ऐसे मामलों में पैसे की वापसी मुश्किल होती है. लेकिन आज कहानी है उस शख्स के बारे में जिनके साथ ऐसी ही एक घटना हुई और फिर उन्होंने उस पैसे को पाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए. नतीजा यह हुआ यह कि करीब 100 दिनों के बाद वो सारा पैसा अब उनके बैंक अकाउंट में वापस आ चुका है.

ये घटना हुई खगड़िया जिला के परबत्ता थाने के अंतर्गत तेमथा (राका) के रहने वाले अजय कुमार मिश्रा के साथ. 10 मई को दोपहर 12 बजे के लगभग उनके पास एक कॉल आता है और जब तक उन्हें पता चलता है कि ये कोई फ्रॉड है, उनके आईसीआईसीआई बैंक खाते से 49852 रुपए डेबिट हो जाते हैं. घटना के तुरंत बाद उन्होंने उसी दिन नेशनल साइबर क्राइम के टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करके मामले को दर्ज कराया, जिसकी शिकायत संख्या 20505240013913 है. फिर इसी दिन संबंधित बैंक को भी शिकायत दर्ज करा दी गई.

घटना के तीन दिन बाद 13 मई को परबत्ता थाने में लिखित शिकायत दी गई और फिर संबंधित बैंक के ब्रांच को भी मेल के जरिए लिखित शिकायत की गई. इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में भी घटना को लेकर शिकायत दाखिल की गई थी. हालांकि, इतना काफी नहीं था. पीड़ित लगातार बैंक के संपर्क में रहा और अंत में 25 मई को आईसीआईसीआई और झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के सहयोग से उस शख्स का पता चल गया, जिसके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हुए थे.

ग्रामीण बैंक के जिस शख्स के अकाउंट में पीड़ित के आईसीआईसीआई बैंक से पैसा गया था, उसकी पहचान झारखंड के देवघर निवासी विजय ठाकुर के रूप में हुई. इसके बाद पीड़ित ने फ्रॉड करने वाले का बैंक अकाउंट डिटेल्स, संपर्क नंबर, घर का पता, सहयोगी का नाम और अन्य सारी जानकारी जिला पुलिस और साइबर पुलिस को उपलब्ध कराई. बैंक की तरफ से लगातार दबाव डालने के बाद सायबर फ्रॉड करने वाले ने 5 बार में सारा पैसा झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक में जमा किया और फिर 28 अगस्त को उस बैंक ने वह पैसा पीड़ित के आईसीआईसीआई बैंक खाते में जमा कर दिया.

इस तरह से, 10 मई को साइबर फ्रॉड के जरिए बैंक से डेबिट हुई करीब 50 हजार रुपया 100 दिनों के बाद कई ईमेल, मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर आरबीआई तक निवेदन करने के पश्चात वापस मिल गया. सामान्य तौर पर यह देखा जाता है कि ऐसे मामलों में पैसे को पाने की सारी कोशिश नाकाम होती है. हालांकि, इस केस में पैसा वापस मिल गया, लेकिन फिर ऐसे किसी भी फ्रॉड कॉल से बचना चाहिए. आरबीआई, सेबी, बैंक और टेलीकॉम कंपनियां भी इस तरह के साइबर फ्रॉड से बचने के लिए गाइडलाइंस जारी करती रहती हैं.

Tags: Cyber Crime, Cyber Fraud



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