ऑस्ट्रेलिया में खुद को साबित किया, अब BGT में इस खिलाड़ी का खेलना तय; केएल-सरफराज की छुट्टी समझो
न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में क्लीन स्वीप का सामना करने वाली टीम इंडिया के सामने अब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की बड़ी चुनौती है। भारतीय टीम जल्द ही ऑस्ट्रेलिया के रवाना होगी। पर्थ में 22 नवंबर से 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज होगा जिसके लिए भारतीय टीम का टीम का ऐलान पहले ही कर दिया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि रोहित शर्मा निजी कारणों से इस सीरीज के पहले टेस्ट से बाहर हो सकते हैं, ऐसे में टीम इंडिया को उनके विकल्प की तलाश करनी होगी।
पहले टेस्ट में केएल राहुल सलामी बल्लेबाज के रूप में टीम में शामिल होने के एक दावेदार हैं लेकिन भारत ए की तरफ से वह दोनों पारियों में केवल 14 रन बना पाए। राहुल दूसरी पारी में 10 रन बनाकर आउट हुए। दूसरी पारी में केएल बहुत ही अजीबोगरीब तरीके से आउट हुए। गेंद उनके दोनों टांगों के बीच से निकलकर स्टंप से टकरा गई। इस तरह ऑस्ट्रेलिया में भी उनका फ्लॉप शो जारी रहा।
ऑस्ट्रेलिया में फेल हुए भारतीय बल्लेबाज
भारतीय टीम में सलामी बल्लेबाज के एक अन्य दावेदार अभिमन्यु ईश्वरन भी मूव करती गेंदों पर संघर्ष करते नजर आए। अभिमन्यु ईश्वरन पहले अनऑफिशियल टेस्ट में 7 और 12 रन की पारी खेल सके। दूसरे अनऑफिशियल टेस्ट में तो उनका और बुरा हाल हो गया। पहली पारी में उन्होंने 17 रन बनाए जबकि दूसरी पारी में वह अपना खाता भी नहीं खोल सके। इस मैच में अन्य बल्लेबाजों का भी यही हाल रहा।
दूसरे अनऑफिशियल टेस्ट के लिए केएल राहुल के साथ ध्रुव जुरेल को भी ऑस्ट्रेलिया भेजा गया ताकि दोनों बल्लेबाजों को ऑस्ट्रेलिया की पिचों का थोड़ा अनुभव मिल सके। इस मौके को ध्रुव जुरेल ने दोनों हाथों से भुनाया और दोनो पारियों में कमाल की बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया। ध्रुव जुरेल को छोड़ दें तो मेलबर्न की तेज और उछाल लेती पिच पर लगभग पूरी भारत की ए टीम संघर्ष करते नजर आई।
ध्रुव जुरेल ने दिखाया जज्बा
ध्रुव जुरेल इकलौते बल्लेबाज रहे जिन्होंने क्रीज पर टिकने की जेहमत उठाई। पहली पारी में भारतीय-ए टीम का टॉप आर्डर लड़खड़ाने के बाद उन्होंने मोर्चा संभाला और 186 गेंद खेलते हुए लंबा वक्त क्रीज पर बिताया। इस दौरान उनके पास शतक जड़ने का शानदार मौका था लेकिन दूसरे छोर से उन्हें किसी भी बल्लेबाज का सहयोग नहीं मिल सका। नतीजा ये हुआ कि वह अपने शतक से 20 रन दूर रह गए। दूसरी पारी में भी उन्होंने यही खेल दिखाया और 68 रनों की कमाल की पारी खेली। उन्होंने 122 गेंदों का सामना किया जिसमें 5 चौके लगाए।
इन आंकड़ों से साफ है कि ध्रुव जुरेल ऑस्ट्रेलिया की मुश्किल और उछल भरी पिचों को भांपने में काफी हद तक कामयाब हुए हैं। अब सवाल उठता है कि क्या पर्थ टेस्ट में ध्रुव जुरेल को प्लेइंग-11 में मौका मिलेगा या उन्हें इंतजार करना होगा। हालांकि पिछली सीरीज में केएल राहुल और सरफराज खान का जैसा प्रदर्शन रहा है, उसको देखते हुए ध्रुव जुरेल नंबर 6 पर खेलने के पूरे हकदार हैं। उनके चांस ऑस्ट्रेलिया में खुद को साबित करने के बाद और भी ज्यादा बढ़ गए हैं।
आकाश चोपड़ा ने भी लगाई मुहर
भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा भी ध्रुव जुरेल के सपोर्ट में हैं। उन्होंने कहा कि पहली पारी में ध्रुव जुरेल ही एकमात्र ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने दो छक्के लगाए, 186 गेंदें खेलीं और 80 रन बनाए। भारत ए के 80-85 रन पर आउट होने का खतरा था, लेकिन उन्होंने स्कोर 161 तक पहुंचाया। ध्रुव जुरेल के पास सरफराज और केएल राहुल को पछाड़कर भारत का नंबर 6 बल्लेबाज बनने का मौका है।
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