ओलंपिक विजेता मेडल क्यों काटते हैं? जानिए असली वजह
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काफी वक्त तक ऐसा माना गया कि ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी इसी वजह से मेडल को काटते हैं, जिससे वो सोने की शुद्धता का पता लगा सकें. तो क्या सच में फोटो खिंचवाते वक्त सिक्के को दांत से इसी कारण से काटा…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- खिलाड़ी मेडल काटते हैं क्योंकि फोटोग्राफर ऐसा करने को कहते हैं
- पहले सोने की शुद्धता जांचने के लिए सिक्के काटे जाते थे
- 1912 से पहले असली सोने के मेडल दिए जाते थे
ओलंपिक्स हो या कोई अन्य खेल, कई प्रतिस्पर्धाओं में मेडल देने का रिवाज है. प्रथम आने वाले को गोल्ड मेडल, दूसरे व्यक्ति को सिल्वर और तीसरे को ब्रॉन्स. कई बार आपने देखा होगा कि मेडल जीतने (Why Olympic winners bite their medals) के बाद खिलाड़ी अक्सर उन्हें दांत से काटते हुए फोटो खिंचवाते हैं. खिलाड़ियों की ऐसी कई फोटोज वायरल भी होती रहती हैं. पर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर वो ऐसा क्यों करते हैं? क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है या फिर सिर्फ प्रथा है. आखिरकार इसका जवाब मिल गया है. चलिए आपको बताते हैं.
प्राचीन समय में सोने के सिक्के काटकर लोग उसकी शुद्धता की जांच करते थे. (फोटो: AP Photo/Patrick Semansky)
ओलंपिक्स डॉट कॉम वेबसाइट के अनुसार प्राचीन समय में जब सोने के सिक्के मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल किए जाते थे, तब व्यापारी सिक्कों को दांत से चबाकर उसकी शुद्धता की जांच किया करते थे. दरअसल, असली सोना नर्म धातु होता है. उसपर अगर तेजी से दांत गड़ाया जाए तो दांत के निशान पड़ जाते हैं. काफी वक्त तक ऐसा माना गया कि ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी इसी वजह से मेडल को काटते हैं, जिससे वो सोने की शुद्धता का पता लगा सकें. तो क्या सच में फोटो खिंचवाते वक्त सिक्के को दांत से इसी कारण से काटा जाता है?
फोटोग्राफर मेडल काटने को कहते हैं. (फोटो: AP Photo/Charlie Neibergall)
पहले मिलता था असल सोने का मेडल
साल 1912 से पहले इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी असल सोने का मेडल दिया करती थी. पर उसके बाद से ऐसा नहीं होता. तो ऐसे में सोने की जांच करने के लिए मेडल को काटने का कोई मतलब नहीं है. असल वजह है कि फोटोग्राफर, खिलाड़ियों को ऐसा करने के लिए कहते हैं. इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ओलंपिक हिस्टोरियन्स के प्रेसिडेंट डेविड वौलेनचिन्सकी ने सीएनएन से बातचीत में बताया कि खिलाड़ी इस प्रथा का पालन इसलिए करते हैं क्योंकि फोटोग्राफर उनसे ऐसा करने को कहते हैं.
ये है मेडल काटने की असल वजह
रिपोर्ट के अनुसार मेडल काटने की प्रक्रिया ओलंपिक (medal biting tradition in Olympics) में लंबे समय से है. आजकल फोटोग्राफर विजेताओं की मेडल काटते हुए फोटो खींचना चाहते हैं, क्योंकि वो ओलंपिक से जुड़ी प्रतीकात्मक फोटो बन जाती है. ऐसी फोटोज अखबारों और मैग्जीन में काफी फेमस हो जाती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि 2010 के विंटर ओलंपिक में जर्मन ओलंपियन डेविड मोइलर जब अपने सिल्वर मेडिल को काट रहे थे तो उनका एक दांत टूट गया था.
February 02, 2025, 08:01 IST