कमाल के जुड़वा भाई; सिर्फ सूरत नहीं… दिमाग भी एक जैसा, एक के 100 परसेंटाइल तो दूसरा भी करीब – News18 हिंदी


हिमांशु/गुरुग्राम: कौन कहता है की आसमान में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो… जी हां, कुछ ऐसा ही कारनामा दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के जुड़वा भाई आरव और आरुष ने कर दिखाया है. यह दोनों भाई सिर्फ देखने में ही एक जैसे नहीं हैं, बल्कि इन दोनों का दिमाग भी एक जैसा ही है.

गुरुग्राम की सेक्टर-69 ट्यूलिप व्हाइट सोसाइटी में रहने वाले आरव भट्ट और आरुष भट्ट ने जेईई मेन की परीक्षा में टॉप करके अपने परिजनों के साथ-साथ गुरुग्राम का भी नाम रोशन किया है. इस परीक्षा में करीब 12 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने भाग लिया था. इसमें से आरव ने 100 परसेंटाइल मार्क्स हासिल किए हैं. आरव देश के उन 23 अभ्यर्थियों में से एक है, जिन्होंने इस परीक्षा में 100 परसेंटाइल मार्क्स हासिल किए हैं.

दूसरे ने भी दिखाया कमाल
आरव के जुड़वा भाई आरुष ने भी इस परीक्षा को टॉप करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आरुष ने भी 99.65 परसेंटाइल हासिल किए. वहीं, दोनों भाइयों की इस उपलब्धि से माता-पिता और रिश्तेदारों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. फिलहाल, दोनों एडवांस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.

मोबाइल और खेल से बना ली थी दूरी
आरव के पिता इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और मां ने एमएससी मैथ किया है. मां ने ही उन्हें मैथ में पढ़ाया और बचपन से ही मैथ-साइंस अच्छी होने के कारण उन्होंने इंजीनियर बनने का सोचा. देर रात तक पढ़ाई करने के साथ ही माता-पिता और टीचर के गाइडेंस की वजह से आज वह देश के टॉप 23 टॉपर में से एक है. आरव ने बताया कि जब वह 9वीं कक्षा में थे, तब लॉकडाउन लगा था. उस वक्त से ही मोबाइल और खेल से दूरी बनाने की आदत पड़ गई थी. इस दूरी का फायदा उन्हें मिला.

आरुष बनना चाहते हैं मैथ के प्रोफेसर
वहीं, आरुष की मानें तो उन्होंने अपना करियर लॉकडाउन में तय कर लिया था. हालांकि, उनके भाई ने अभी तक कोई ऐम डिसाइड नहीं किया, लेकिन उन्होंने लॉकडाउन के दौरान ही आईआईटी में मैथ प्रोफेसर बनने का तय किया था. वह आईआईटी में मैथ प्रोफेसर बनकर देश के एजुकेशन सिस्टम को सुधारना चाहते हैं. तैयारी के दौरान हर कोई मोबाइल, सोशल मीडिया से दूर हो जाता है. यहां तक कि उनका भाई भी सोशल मीडिया से दूर हो गया था, लेकिन वह दूर नहीं हुए. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वह लगातार जुड़े रहे. सोशल मीडिया के नाम पर वह लिंकडिन के जरिए अपने सीनियर से जुड़े रहे और उनका गाइडेंस लेते रहे.

एडवांस परीक्षा की तैयारी शुरू
फिलहाल, अपनी इस उपलब्धि पर दोनों भाइयों के साथ परिजन भी खुश हैं. अब दोनों भाइयों ने एडवांस परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी है. दोनों ही उन छात्रों और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन हैं जो मोबाइल का इस्तेमाल केवल मनोरंजन के लिए करते हैं. आरुष और आरव की मानें तो मोबाइल दो धारी तलवार है, इसका गलत इस्तेमाल विनाश कर सकता है तो सही इस्तेमाल जिंदगी में सुधार कर सकता है.

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