कहां FD के चक्कर में पड़े हो आप? इससे अच्छा T-Bill में डालिए पैसा, एकदम सेफ और रिटर्न ज्यादा



FD vs t bills कहां FD के चक्कर में पड़े हो आप? इससे अच्छा T-Bill में डालिए पैसा, एकदम सेफ और रिटर्न ज्यादा

हाइलाइट्स

ट्रेजरी बिल चार तरह के होते हैं.
अब कोई भी इनमें पैसा लगा सकता है.
टी-बिल्‍स ने शानदार रिटर्न दिया है.

नई दिल्‍ली. भारतीय हर साल 60 लाख करोड़ रुपये निवेश करते हैं. इसमें से करीब 50 फीसदी का निवेश रियल एस्‍टेट (Real Estate) में होता है. वहीं 15 फीसदी पैसा सोने और बैंक एफडी (Bank FD) में लगाया जाता है. आम आदमी आज भी निवेश के लिए एफडी को तव्‍वजो देता है. इसका सबसे बड़ा कारण रिटर्न की गारंटी और पैसे की सुरक्षा है. लेकिन, बाजार में एफडी से ज्‍यादा ब्‍याज देने वाला एक और सुरक्षित विकल्‍प भी मौजूद हैं. यह है भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाने वाला  ट्रेजरी बिल (T-Bill). अगर पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो पाएंगे कि टी-बिल्‍स ने एफडी से करीब 70 फीसदी तक ज्‍यादा रिटर्न दिया है. 3 महीने और 12 महीने के टी-बिल्‍स ने 6.7 फीसदी रिटर्न (T-Biils Return) दिया है. वहीं, एफडी पर केवल 4.5 फीसदी से 6 फीसदी तक ही ब्‍याज मिला है.

ट्रेजरी बिल (T-Bills) में पहले केवल बैंक या बड़े वित्तीय संस्थान ही निवेश कर सकते थे. लेकिन, अब रिटेल निवेशक भी गारंटी के साथ मिलने वाले आकर्षक रिटर्न का फायदा ले सकते हैं. ट्रेजरी बिल 14 दिन, 91 दिन, 182 दिन और 364 दिन की अवधि के लिए होते हैं. टी-बिल को उनकी वास्तविक कीमत से डिस्काउंट पर जारी किया जाता है. मान लीजिए 91 दिन के टी बिल की वास्‍तविक कीमत 100 है. आरबीआई इसे अगर 97 रुपये पर जारी करता है तो 91 दिनों के बाद मैच्योरिटी पर निवेशक को 100 रुपये वापस मिलेंगे. इस तरह निवेशक को 3 रुपये का मुनाफा होगा.

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किसे कहते हैं ट्रेजरी बिल?
भारतीय रिजर्व बैंक हर हफ्ते ट्रेजरी बिल जारी करता है. भारत सरकार को भी मूलभूत ढांचे के निर्माण के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है, तो वो भी कर्ज लेती है. सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के पास पैसा उधार लेने के लिए जाती है. सरकार के इस कर्ज को RBI बॉन्ड या ट्रेजरी बिल के रूप में नीलाम करता है, जिसे हम खरीद सकते हैं. वो कर्ज जिसे भारत सरकार 1 साल के अंदर वापस करती है उसे ट्रेजरी बिल कहा जाता है. ऐसा कर्ज जिसे सरकार कई वर्षों के बाद वापस करना चाहती है उसे बॉन्ड्स कहा जाता है.

कितना लगाना होगा पैसा?
14 दिन के ट्रेजरी बिल में कम से कम एक लाख रुपये आपको लगाने होंगे. बाकी तीनों तरह के ट्रेजरी बिल में आप 25,000 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं. मेच्योरिटी पर आरबीआई निवेशक के डीमैट अकाउंट से टी-बिल निकाल लेती है. इसे एक्सटिंग्वश्मेंट ऑफ सिक्योरिटी कहा जाता है.

देना होगा टैक्‍स
टी-बिल से हुई कमाई पर कोई टैक्‍स छूट नहीं मिलती है. टी-बिल से हुए लाभ को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है. उस पर निवेशक के स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स लगता है.

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