‘कांग्रेस की सोच से भारत को अलर्ट करना जरूरी’, बीजेपी के विकास vs हिंदू-मुस्लिम एजेंडे पर क्या बोले पीयूष गोयल


नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि कांग्रेस अभी भी लोकसभा चुनाव के लिए तुष्टिकरण की राजनीति पर निर्भर है, जिसका खुलासा उसके घोषणापत्र में हुआ है. नेटवर्क18 ग्रुप के प्रधान संपादक राहुल जोशी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, गोयल ने भाजपा के विकास बनाम हिंदू-मुस्लिम एजेंडे के बारे में बात की.

उनसे पूछा गया कि पहले दो चरणों के मतदान के बाद भाजपा का पूरा अभियान विकास, अर्थव्यवस्था और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की अन्य उपलब्धियों के बारे में बात करने के बजाय हिंदू-मुस्लिम पर क्यों केंद्रित हो गया है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री, जो मुंबई उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए यह बताना महत्वपूर्ण था कि “राहुल गांधी और उनके दोस्त” भारत को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं और देश को उनकी मानसिकता के बारे में सचेत करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस का घोषणापत्र जारी होने के बाद वे पूरी तरह से बेनकाब हो गए कि वे अभी भी तुष्टिकरण के बारे में सोच रहे हैं. वे आज भी सैम पित्रोदा के दिखाए आर्थिक रास्ते पर चलने की सोच रहे हैं. उनके लिए भेदभाव की राजनीति अब भी प्राथमिकता है. और उन्होंने समाज में जिस तरह का भ्रम पैदा करने की कोशिश की, उसे लोगों के सामने सही ढंग से पेश करना हमें जरूरी लगा. और मुझे लगता है कि हमने विकास और सकारात्मक एजेंडे के बारे में बात करना बंद नहीं किया है.”

पिछले महीने राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली में, प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के घोषणापत्र की आलोचना की थी और कहा था कि पार्टी ने हिंदुओं की बचत छीनकर और इसे मुसलमानों एवं “घुसपैठियों” के बीच विभाजित करके धन को फिर से बांटने का वादा किया है. गोयल ने कहा, “हमने यह चर्चा शुरू नहीं की. आप पीएम मोदी की गारंटी देख सकते हैं. यह एक बहुत ही सकारात्मक कहानी है. हमने हर मुद्दे को बहुत गंभीरता से और गहराई से देश के सामने रखा है. इस अमृत काल में हम एक विकसित भारत कैसे बन सकते हैं, और हमारे तीसरे कार्यकाल में उस दिशा में क्या कदम उठाए जाएंगे, इसका हमने एक दृष्टिकोण रखा है.”

उन्होंने कहा कि चाहे मीडिया हो या सोशल मीडिया, हमेशा सनसनीखेज, टीआरपी और हेडलाइन हंटिंग की ओर उनका झुकाव रहता है. यही कारण है कि ऐसा लगता है कि भाजपा की कहानी बदल गई है, लेकिन पार्टी के नेता – चाहे वह पीएम मोदी हों, केंद्रीय मंत्री अमित शाह हों, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हों, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हों या उनके जैसे उम्मीदवार हों – सकारात्मक सोच के साथ लोगों तक पहुंचना जारी रखे हुए हैं.

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