कांदा की खेती ने इस किसान को दिया जबरदस्त मुनाफा, अब और भी अपना रहे तौर-तरीका-Kanda cultivation gave huge profits to this farmer, now more are adopting the method


छपरा : सारण जिले के गरखा प्रखंड में किसान अब बड़े पैमाने पर कांदा (कंद) की खेती कर रहे हैं और इससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. खास बात यह है कि किसान अब जैविक खेती की ओर रुख कर रहे हैं, जो कि कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के संपर्क में आने और प्रशिक्षण लेने के बाद संभव हुआ है. जैविक खेती करने से न केवल खेतों की उर्वरक क्षमता बढ़ रही है, बल्कि मिट्टी भी बंजर होने से बच रही है.

कांदा की खेती का लाभ
1. एक कट्ठा जमीन में कांदा की खेती करने से 5 क्विंटल से अधिक पैदावार हो रही है.
2. एक कट्ठा कांदा की खेती पर लगभग ₹800 का खर्च आता है.
3. फसल तैयार होने पर इसे ₹8,000 से ₹9,000 में बेचा जा सकता है.

ऐसे खेती कर रहे किसान
मीठेपुर के सुदामा प्रसाद ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क में आने और प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने जैविक खेती शुरू की, जिससे उनकी आय में काफी वृद्धि हुई. वह कहते हैं कि वे खुद जैविक खाद तैयार करते हैं, जो उनकी फसल को मजबूत बनाता है और उत्पादन को बढ़ाता है. पिछले 5 वर्षों से जैविक तरीके से कांदा की खेती कर रहे सुदामा प्रसाद ने कहा कि इस खेती में खर्च कम और कमाई अधिक है, इसलिए वे लगातार इस फसल की खेती कर रहे हैं.

सुदामा प्रसाद की सफलता देखकर आसपास के किसान भी उनसे खेती के तरीके सीखने आते हैं. उन्होंने कई किसानों को जैविक खेती के फायदे और तरीके सिखाए हैं, जिससे वे भी अब अच्छी पैदावार और मुनाफा कमा रहे हैं. कांदा की जैविक खेती करने से न केवल किसानों की आय में वृद्धि हो रही है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है. जैविक खेती मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखती है और हानिकारक रसायनों के उपयोग को कम करती है, जिससे फसलें अधिक पोषक और सुरक्षित होती हैं.

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