काशी के ज्योतिषी ने किया सावधान! आषाढ़ महीने में ससुराल से दूर रहे नई दुल्हन,नहीं तो…


 वाराणसी: शादी सात जन्मों का बंधन होता है. विवाह के बाद इस बंधन में दो परिवार बंध जाते हैं. कई नए रिश्ते बनते हैं जिसका निर्वहन दोनो पक्षों को करना होता है. ऐसा ही एक रिश्ता है सास और बहू का. जिसपर किस्से, कहानी और कई सीरियल बने हैं. यह रिश्ता बेहद अहम होता है और इसे हर बहू संभाल कर रखना चाहती है. लेकिन कई बार विवाह के बाद कुछ गलतियां इस रिश्ते के बीच अनबन पैदा कर सकती है.

लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि इसके लिए आषाढ़ का महीना भी एक वजह हो सकता है. ज्योतिषशास्त्र से जुड़े मुहूर्त मार्तण्ड के विवाह प्रकरण में इस बात का उल्लेख है कि नवविवाहिता को शादी के बाद पड़ने वाले पहले आषाढ़ मास में अपने ससुराल से दूर होना चाहिए. यानी नवविवाहिता को इस महीने अपने मायके में ही रखना चाहिए.

इन धार्मिक पुस्तकों में है उल्लेख
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि मुहूर्त मार्तंड और मुहूर्त चिंतामणि दोनों में इस बात का उल्लेख है कि आषाढ़ का महीना सास बहू के रिश्ते में दरार ला सकता है. उन्होंने बताया कि शादी के बाद यदि पहले आषाढ़ महीने में बहू ससुराल में हो तो सास बहू के बीच खटास आ सकती है. हालांकि इसके कई वजह हो सकते हैं.

हो सकता है शारीरिक और मानसिक टकराव
संजय उपाध्याय ने बताया कि सास बहू के बीच विचार धारा का मेल मिलाप न बन पाने के कारण भी ऐसा हो सकता है. इसके अलावा दोनों के बीच इस महीने में ईष्या की भावना भी बढ़ सकती है. जो ग्रहों की चाल के ऊपर निर्भर होता है. इसके अलावा सास बहू के बीच के शारीरिक और मानसिक टकराव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. इसलिए आषाढ़ के महीने में नवविवाहिता को ससुराल से तौबा करना चाहिए.

Tags: Bride and groom story, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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