किन्नरों को कभी ये करते देखा है? अपनी रीति के विपरीत 14 साल से निभा रहे अनोखी प्रथा, देखकर होंगे खुश


खंडवा: किन्नर समाज को अपने अनोखे रीति-रिवाजों के लिए जाना जाता है. शादी-ब्याह, मुंडन, बच्चे के जन्म पर किन्नर लोगों के यहां नेग लेने जाते हैं. इस दौरान बधाई गाते हैं और डांस भी करते हैं. लेकिन, खंडवा में किन्नरों के यहां कुछ अलग हुआ. यहां किन्नरों ने बधाई गाई, डांस भी किया, लेकिन किसी के घर में नहीं, बल्कि अपने घर में. जी हां, ये अवसर एक छोटी किन्नर के बर्थडे का था, जिसकी धूमधाम से पार्टी मनाई गई. छोटी किन्नर को बधाई देने पूरे खंडवा के किन्नर पहुंचे थे.

एक साल की थी, जब परिवार ने सौंपा था
सबसे छोटी किनर संगीता जब एक साल की थी, तब उसके माता-पिता ने किन्नर गुरु माया नायक को उसे सौंप दिया था. तब से उसकी परवरिश किन्नर गुरु ही करते आए हैं. खंडवा की सबसे छोटी किन्नर संगीता का बीते दिन बड़ी धूम से जन्मदिन मनाया गया.  इस आयोजन में खंडवा के सभी किन्नर शामिल हुए और खुशियां मनाते दिखे. इस अनोखे आयोजन की चर्चा पूरे जिले में रही. खास बात ये कि किन्नर समाज में ऐसी कोई प्रथा का स्थान नहीं है. फिर भी यहां के किन्नर 14 साल से बाल किन्नर संगीता का बर्थडे मनाते आ रहे हैं, जो हर साल चर्चा का विषय बन जाता है.

हर साल मनाते हैं जन्मदिन
किन्नर सितारा गुरु ने Local 18 को बताया कि संगीता जब एक साल की थी, तब ही उसके परिजनों ने उसे माला नायक गुरु को छनेरा में सौंप दिया था. तब से उसकी परवरिश हम करते आए हैं. जैसे एक छोटे बच्चे का जन्मदिन होता है, उसी तरीके से हमने भी मनाया. किन्नर परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे. केक काटा गया. खुशी मनाई. नाच-गाना हुआ. जैसे आम घर-परिवारों में होता है, यहां भी सब कुछ वैसा ही हुआ. हर साल हम उसका जन्मदिन मनाते हैं.

बच्चा हो किन्नर तो दे देते हैं…
सितारा गुरु ने बताया, बहुत से परिवारों में संतान किन्नर रूप में जन्म लेती है. ऐसे में वो लोग उसे रखना चाहें तो रखें, ये उनकी इच्छा है. लेकिन, बहुत से ऐसे लोग किन्नर बच्चा हमको दे देते हैं. हम उसे मां-बाप की तरह पालते हैं. पढ़ाते-लिखाते हैं. संगीता भी उसी तरह हमारे पास आई थी और हम उसका लालन-पालन कर रहे हैं. बताया, अब किन्नरों को समाज में सम्मान मिलता है. सरकार भी नागरिक का दर्जा दे रही है.

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