कॉफी नहीं तो इस चीज की कर लें खेती, 5 महीने में तैयार हो जाती है फसल, कमाई लाखों में!
Agency:Local18
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Chicory farming: चिकोरी की खेती जामनगर जिले के सिंचित क्षेत्र में की जाती है. इस फसल को पानी की अधिक आवश्यकता होती है, साथ ही पांच महीने की फसल होती है.
जामनगर जिले के किसान इन दिनों पारंपरिक फसलों से हटकर चिकोरी की खेती कर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं. चिकोरी की फसल को बहुत अधिक पानी की जरूरत होती है, लेकिन इसके बावजूद किसान मेहनत कर इसे उगा रहे हैं. एक बीघा खेत में लगभग 80 से 100 मण तक चिकोरी का उत्पादन हो सकता है, और बाजार में इसकी कीमत 400 रुपये से 700 रुपये प्रति मण तक होती है.
जामनगर के ये गांव हैं चिकोरी उत्पादन में आगे
जिले के वसई, आमरा, बेड, जीवापर, दोढिया, मोडपर, नारनपर जैसे गांवों के किसान बड़े पैमाने पर चिकोरी उगा रहे हैं. डालिया गांव के किसान बाबूभाई मकवाना पिछले तीन पीढ़ियों से इस फसल की खेती कर रहे हैं. इस साल उन्होंने 6 बीघा खेत में चिकोरी उगाई है. उनका कहना है कि चिकोरी की खेती में सबसे बड़ी चुनौती पानी की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है.
चिकोरी की खेती के लिए पानी जरूरी
चिकोरी की फसल को पांच महीने में तैयार होने के लिए 16 बार सिंचाई की जरूरत होती है. दिवाली से पहले इसकी बुवाई करना फसल के लिए फायदेमंद रहता है. पानी की अधिक आवश्यकता और कठिन खेती प्रक्रिया के कारण कई किसान इसे उगाने से बचते हैं. इसके अलावा, सौराष्ट्र के यार्ड में इसकी नीलामी नहीं होती, जिससे किसानों को इसे केवल 5 से 7 व्यापारियों को ही बेचना पड़ता है, जिससे उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पाता.
चिकोरी की बुवाई की प्रक्रिया
चिकोरी की बुवाई का सही समय दिसंबर-जनवरी में होता है. पौधों को एक-दूसरे से 15-20 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाना चाहिए, जबकि दो लाइनों के बीच दो से तीन फुट की दूरी होनी चाहिए. चिकोरी के लिए वही मिट्टी उपयुक्त होती है, जहां नमी बनी रहे और पानी की निकासी अच्छी हो. ठंडे क्षेत्रों में इसकी बुवाई अधिक फायदेमंद होती है.
चिकोरी का उपयोग कॉफी और दवाइयों में
चिकोरी की बुवाई के एक महीने बाद इसमें नाइट्रोजन युक्त खाद डालना जरूरी होता है. इसके बीज छायादार स्थान पर आधा इंच गहराई में बोए जाते हैं. पांच से छह हफ्ते बाद खेत में रोपाई की जाती है, और 75-85 दिनों में फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है. चिकोरी का सबसे ज्यादा उपयोग कॉफी के विकल्प के रूप में किया जाता है. इसके अलावा, दवा उद्योग में भी इसका उपयोग किया जाता है.
January 30, 2025, 23:58 IST