कोई भी MLA अब नहीं बदल पाएगा पाला, ताउम्र मिलेगी सजा, पार्टी बदलने से पहले 100 बार सोचेंगे विधायक


शिमला. हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार एक ऐसा कानून लाने की तैयारी में है, जिसके बाद उन विधायकों की पेंशन बंद कर दी जाएगी, जो दलबदल कानून के तहत अयोग्य पाए जाएंगे. दलबदल कानून के तहत अयोग्य करार दिए गए विधानसभा सदस्यों की पेंशन बंद करने के प्रस्ताव वाला एक विधेयक मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पेश किया गया.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) संशोधन विधेयक 2024 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पेश किया. विधेयक के अनुसार, “यदि कोई व्यक्ति किसी भी समय संविधान की दसवीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के अंतर्गत अयोग्य घोषित कर दिया गया हो तो वह अधिनियम के अंतर्गत पेंशन का हकदार नहीं होगा.”

इस साल कांग्रेस के छह विधायकों को 2024-25 का बजट पारित किए जाते समय सदन में अनुपस्थित रहकर पार्टी व्हिप की अवहेलना करने के लिए इस साल फरवरी में दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिया गया था. इनमें सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार हैं.

सुधीर शर्मा और लखनपाल बाद में उपचुनाव जीतकर सदन में लौट आए, लेकिन चार अन्य नहीं जीत सके. इन छह कांग्रेस विधायकों ने इस साल 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था.

दूसरी तरफ, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच गतिरोध मंगलवार को तब समाप्त हो गया जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार नियम 67 (स्थगन प्रस्ताव) के तहत वित्तीय स्थिति सहित भाजपा द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है.

विपक्ष से कार्यवाही के सुचारू संचालन में सहयोग करने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि सदन नियमों के तहत चलता है और अध्यक्ष ने इसके लिए पर्याप्त समय दिया है. उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष ने सही तरीके से अपने मुद्दे उठाए होते तो गतिरोध से बचा जा सकता था.

Tags: BJP, Congress, Sukhvinder Singh Sukhu



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