कोडरमा के कांग्रेस नेता हत्याकांड में 6 साल बाद आया ऐतिहासिक फैसला, विस्फोटक लगाकर उड़ा थी गाड़ी


कोडरमा. झारखंड में कोडरमा के एक मामले ने तहलका मचा दिया था. जिले की इस चर्चित घटना में तत्कालीन कांग्रेस जिला अध्यक्ष शंकर यादव की स्कॉर्पियो को जिलेटिन विस्फोटक लगाकर उड़ा दिया गया था. हत्या के मामले में अब छह साल बाद ऐतिहासिक फैसला आया है. सुनवाई करते हुए कोडरमा कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुलाम हैदर ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है.

जानकारी के अनुसार, आरोपियों और स्व. शंकर यादव के बीच पत्थर खदान को लेकर लंबे समय से विवाद चल आ रहा था. इसके बाद आरोपियों द्वारा एक गहरी साजिश रची गई. जिसके तहत शंकर यादव की स्कॉर्पियो को विस्फोटक से उड़ा दिया गया था. तत्कालीन कांग्रेस जिला अध्यक्ष शंकर यादव हत्याकांड मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुलाम हैदर की अदालत ने आरोपी मुनेश यादव निवासी ग्राम भटबिगहा चौपारण हजारीबाग को 302/34 व 120 बी के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया.

इनको भी मिली सजा
जुर्माना की राशि नहीं देने पर 2 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं न्यायालय ने रामदेव यादव व नरेश यादव को भी 302/34 आईपीसी एवं 120 बी के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 25 हजार का जुर्माना लगाया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर 1 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. न्यायालय ने पवन यादव को 302/34 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए 25 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई एवं 25 हजार जुर्माना लगाया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर 1 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. न्यायालय ने सभी आरोपियों को 307 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास कि सजा सुनाई. साथ ही 5 हजार रुपये जुर्माना लगाया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. न्यायालय ने एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत सभी को दोषी पाते हुए 12 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई साथ ही 5 हजार जुर्माना लगाया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.

ऑटो में रखा था विस्फोटक, रिमोट से उड़ाया था
जानकारी के अनुसार, फरवरी 2018 की शाम शंकर यादव अपनी स्कॉर्पियो से जब भटबिगहा स्थित अपने माइंस से घर झुमरी लौट रहे थे, इस दौरान पुरानी रंजिश को लेकर साजिश के तहत आरोपियों ने एक पुराने ऑटो वाहन में विस्फोटक लोड कर इसे शंकर यादव के लौटने वाले रास्ते पर खड़ा कर दिया था. वहां मिट्टी से एक स्पीड ब्रेकर भी तैयार कर दिया था. इस दौरान जब शंकर यादव की स्कॉर्पियो उक्त स्थान पर पहुंची, तब झाड़ियों के पीछे छिपकर शंकर यादव का इंतजार कर रहे आरोपियों ने रिमोट से ऑटो पर लोड विस्फोटक को ब्लास्ट कर दिया. इसकी चपेट में आने से शंकर यादव की स्कॉर्पियो करीब 15 फीट हवा में उछलकर पलट गई. इस घटना में कांग्रेस जिला अध्यक्ष शंकर यादव उनके निजी बॉडीगार्ड कृष्ण यादव की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि ड्राइवर धर्मेंद्र यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घटना के बाद शंकर यादव की पत्नी हेमलता देवी के द्वारा चंदवारा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

पांच दिन बाद हुई थी गिरफ्तारी
तत्कालीन कांग्रेस जिला अध्यक्ष की हत्या के बाद कोडरमा जिला बंद भी बुलाया गया था. वहीं इस घटना पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, कांग्रेस एवं अन्य पार्टियों के प्रदेश स्तर के कई पदाधिकारियों ने इस साजिश की कड़ी निंदा करते हुए राज्य में इस तरह की घटना पर दुख प्रकट किया था. तब राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपी थी. घटना के करीब 5 दिन के बाद आरोपियों को अलग-अलग स्थान से गिरफ्तार किया गया था.

6 महीने पहले भी हुआ था जानलेवा हमला
कांग्रेस नेता शंकर यादव पर 24 अक्टूबर 2018 को भी जानलेवा हमला हुआ था. जब वे अपने भटबिगहा स्थित माइंस में गए थे. यहां चौपारण निवासी मुनेश यादव एवं एक अन्य आरोपी ने उनके सीने में गोली मारी थी. इसके बाद बाइक से फरार हो गए थे. गंभीर हालत में उन्हें इलाज के लिए रांची के मेडिका अस्पताल में ले जाया गया था, जहां वे करीब एक माह तक इलाज के बाद स्वस्थ्य होकर लौटे थे.

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