कोरबा में देशभक्ति और श्रद्धा का बेजोड़ मेल, भोलेनाथ से पहले रोज होती है भारत माता की आरती
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Agency:News18 Chhattisgarh
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इस आरती का उद्देश्य केवल भक्ति को जागृत करना नहीं, बल्कि देश की एकता और शहीदों को याद करना भी है. उन्होंने कहा, ‘भारत माता की आरती करने से हम संपूर्ण देवी-देवताओं का आवाहन करते हैं.’
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हाइलाइट्स
- महादेव से पहले होती है भारत माता की आरती
- देश की एकता और शहीदों को याद करना है आरती का उद्देश्य
- आरती में सभी धर्म के लोग ले सकते हैं हिस्सा
कोरबा. छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला अपनी शांतिपूर्ण जीवनशैली और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. यहां का वातावरण सदैव हरा-भरा और संतोषजनक रहता है, जिससे यहां के निवासियों के लिए एक आदर्श परिवेश का निर्माण होता है. इस जिले के लोग जाति और मतभेदों से परे, एकता और भाईचारे के प्रतीक के रूप में रहते हैं. इस एकता का एक अद्भुत उदाहरण है पंडित रविशंकर शुक्ला नगर, जहां भगवान भोले शंकर का एक प्रसिद्ध मंदिर स्थित है.
महादेव से पहले भारत माता की आरती
इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां सुबह और शाम को भगवान कपिलेश्वर नाथ महादेव की आरती से पहले हर दिन भारत माता की आरती की जाती है. इस आरती में पंडित रविशंकर शुक्ला नगर के लोग, चाहे वह पुरुष हों, महिलाएं या बच्चे, सभी एकत्रित होते हैं. मंदिर के व्यवस्थापक, विश्वेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि ‘इस आरती का उद्देश्य केवल भक्ति को जागृत करना नहीं, बल्कि देश की एकता और शहीदों को याद करना भी है. उन्होंने कहा, ‘भारत माता की आरती करने से हम संपूर्ण देवी-देवताओं का आवाहन करते हैं.’
लोगों में देशप्रेम की भावना जगाने का उद्देश्य
पंडित रविशंकर शुक्ला नगर के निवासी अरुण चौधरी बताते हैं कि यह आरती पूरे देश में सर्वधर्म समभाव का संदेश फैलाती है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में देशप्रेम की भावना जगाना है. यह आरती न केवल कॉलोनी के निवासियों के लिए, बल्कि पूरे शहर के लोगों के लिए एक धार्मिक और राष्ट्रीय उत्सव बन चुकी है.
आरती में सभी धर्म के लोग ले सकते हैं हिस्सा
2009 से निरंतर हो रही इस आरती में लोगों की भागीदारी अद्वितीय है, जिसमें किसी भी धर्म के लोगों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है. भारत माता की आरती के बाद महादेव कपिलेश्वर नाथ की आरती होती है, जो इस पवित्र स्थल की धार्मिकता और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है.
ईश्वरीय शक्ति और देशभक्ति का बेजोड़ मेल
ये अनुष्ठान न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है, जो लोगों को एक साथ लाने का काम करता है. इस नगर की यह परंपरा न केवल चित्त को शीतल करती है, बल्कि देशभक्ति की भावना को भी प्रगाढ़ बनाती है. इस प्रकार, पंडित रविशंकर शुक्ला नगर एक ऐसा स्थान है, जहां ईश्वरीय शक्ति और देशभक्ति हर सुबह और शाम को ओत-प्रोत रहती हैं.
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January 25, 2025, 23:15 IST
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