क्या ईरान के लिए बदल जाएगा अमेरिका का नजरिया? US ने क्यों कहा, हमें कोई उम्मीद नहीं है कि…


दुबई. अमेरिका ने ईरान के राष्ट्रपति चुनाव की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि यह न तो स्वतंत्र था और न ही निष्पक्ष. अमेरिका ने यह भी कहा कि इस चुनाव के बाद मानवाधिकारों पर इस्लामी गणराज्य के रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने एक सवाल पर कहा कि वह तेहरान के साथ कूटनीति का प्रयोग तब जारी रखेगा, जब “यह अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाएगा.”

उन्होंने कहा, “ईरान में चुनाव स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं थे. परिणामस्वरूप, ईरान के एक महत्वपूर्ण हिस्से ने चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया.” प्रवक्ता ने कहा, “हमें कोई उम्मीद नहीं है कि इन चुनावों से ईरान की दिशा में मौलिक परिवर्तन आएगा या उसके नागरिकों के मानवाधिकारों के प्रति अधिक सम्मान पैदा होगा. जैसा कि उम्मीदवारों ने खुद कहा है, ईरानी नीति सर्वोच्च नेता द्वारा निर्धारित की जाती है.”

प्रवक्ता ने कहा, “चुनावों का ईरान के प्रति हमारे दृष्टिकोण पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. ईरान के व्यवहार को लेकर हमारी चिंताएं जस की तस कायम हैं.” ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पिछले सप्ताह हुए मतदान में शीर्ष स्थान पर रहे दो उम्मीदवारों के बीच सीधे मुकाबले में सुधारवादी नेता मसूद पेजेश्कियान ने कट्टपंथी सईद जलीली को हराकर शनिवार को जीत हासिल कर ली.

पिछले महीने एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मृत्यु हो जाने के बाद, शुक्रवार को पेजेश्कियान और जलीली के बीच सीधे मुकाबले के तहत मतदान हुआ था. दूसरी ओर, ईरान के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने अपने विजयी भाषण में सभी ईरानियों के लिए काम करने का वादा किया है.

सुधारवादी विचारों वाले पेजेश्कियन ने शनिवार को 1979 की इस्लामी क्रांति के अगुवा रहे दिवंगत अयातुल्ला खुमैनी के मकबरे पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही. हार्ट सर्जन पेजेश्कियन ने कहा, “इस चुनाव में, मैंने आपसे झूठे वादे नहीं किए. मैंने झूठ नहीं बोला. हमने वादे किए लेकिन उन्हें पूरा नहीं कर पाए. हमारे साथ यह एक बड़ी समस्या रही.”

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