क्या चक्रव्यूह रच रहे फडणवीस? राज ठाकरे के बेटे का कर दिया समर्थन, माथा पकड़कर बैठ गया शिंदे का ये विधायक
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे.महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच महाराष्ट्र की जंग होनी है.राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे माहिम विधानसभा सीट से मैदान में हैं.
नई दिल्ली. महाराष्ट्र चुनाव को अब महज 20 दिन का वक्त बचा है. महाविकास अघाड़ी और मायुति के बीच एक तरफ कड़ी टक्कर है. वहीं, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे भी चुनावी मैदान में हैं. माहिम विधानसभा सीट से राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे अपना चुनावी डेब्यू करने जा रहे हैं. इसी बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वो माहिम सीट पर अमित ठाकरे का समर्थन करेंगे. बता दें कि इस सीट पर शिवसेना शिंदे गुट ने सदा सर्वणकर को मैदान में उतारा है. वो यहां से सिटिंग विधायक भी हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिरी फडणवीस महाराष्ट्र चुनाव से पहले क्या चक्रव्यूह रच रहे हैं.
दरअसल, माहिम सीट मराठी अस्मिता का गढ़ मानी जाती है. इस सीट के अंतर्गत ही दादर और शिवाजी पार्क जैसे इलाके आते हैं, जो दशकों से शिवसेना की राजनीति का गढ़ रहे हैं. यही वो जगह है जहां से 1966 में शिवसेना पार्टी का जन्म हुआ था. वर्तमान विधायक सदा सर्वणकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के उम्मीदवार हैं. उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद ही सर्वणकर ने बुधवार को राज ठाकरे से भावुक अपील की थी. उन्होंने कहा था कि उनके जैसे कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय ना किया जाए. इसके बजाय सर्वणकर ने राज ठाकरे से उन्हें समर्थन देने का अनुरोध किया था.
माहिम में त्रिकोणीय मुकाबला
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महिम सीट पर सर्वणकर के सामने एमएनएस के अमित ठाकरे और दूसरी तरफ शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार महेश सावंत की चुनौती है. यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. इससे पहले कल्याण ग्रामीण सीट के लिए भी भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट ने एमएनएस के बारे में अलग-अलग रुख अपनाया. एमएनएस के एकमात्र विधायक, प्रमोद (राजू) पाटिल कल्याण ग्रामीण से ही हैं. स्थानीय भाजपा नेताओं ने इस सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारने की इच्छा जताई थी, लेकिन शिवसेना शिंदे गुट ने नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन पाटिल के खिलाफ राजेश मोरे को मैदान में उतार दिया.
फडणवीस ने क्या कहा?
हालांकि, महायुति ने सिवरी विधानसभा क्षेत्र में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, जहां बाला नंदगांवकर एमएनएस के उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला सेना (यूबीटी) के विधायक अजय चौधरी से है. महिम सीट के बारे में मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, “यहां तक कि मुख्यमंत्री भी महिम सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन कुछ कठिनाइयां थीं. बल्कि, उनके पार्टी नेताओं का मानना था कि वे वोट सेना (यूबीटी) को जाएंगे, इसलिए उन्होंने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया. हमारा रुख शुरू से ही था कि यह एक सीट है जहां एमएनएस ने समर्थन मांगा है और भाजपा इसके पक्ष में थी.”
राजठाकरे ने मांगा बेटे के लिए समर्थन
कुछ दिन पहले, भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने शिवसेना से अपने उम्मीदवार को वापस लेने और अमित को समर्थन देने का अनुरोध किया था, क्योंकि राज ने लोकसभा चुनावों के दौरान एनडीए को समर्थन दिया था. अब उन्होंने बेटे के लिए बीजेसी से समर्थन मांगा. सर्वणकर माहिम सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “अगर शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब जीवित होते, तो वे मुझसे अपनी सीट अपने रिश्तेदारों के लिए छोड़ने के लिए नहीं कहते. उनके 50 रिश्तेदार दादर-महिम में रहते हैं, लेकिन उन्होंने मेरे जैसे एक सामान्य कार्यकर्ता को नामांकित किया. वह एक ऐसे नेता थे जो कार्यकर्ता की भावना को संजोते थे. एकनाथ शिंदे साहेब को देखिए, भले ही उनका बेटा तीन बार सांसद रहा हो, उन्होंने अपने बेटे को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया बल्कि एक वफादार शिवसैनिक को वह अवसर दिया. मैं राजसाहेब से अनुरोध करता हूं कि मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय न करें. मुझे अपना समर्थन दें.”
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FIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 23:11 IST