क्या चुनावी मूड में सरकार? बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया पर धीरे-धीरे ब्रेक, IDBI Bank को लेकर ये अपडेट – Bank privatisation off the table as general elections april may 2024 loom tutc


अगले साल अप्रैल-मई 2024 में होने वाले आम चुनाव तक केंद्र सरकार (Central Govt) की पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के विनिवेश (Divestment) को आगे बढ़ाने की कोई योजना नहीं है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) पहले पाइपलाइन में चल रहे कामों को पूरा करेगी और नए विनिवेश के बारे में समय आने पर उचित निर्णय लिया जाएगा. वहीं निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (Dipam) 31 मार्च 2024 कर IDBI Bank के विनिवेश की प्रक्रिया को पूरा करने का इच्छुक है. 

दो बैंकों का प्राइवेटाइजेशन ठंडे बस्ते में
आजतक के सहयोगी चैनल बिजनेस टुडे टीवी से बात करते हुए वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया की हमारा पूरा फोकस अभी पहले से पाइपलाइन में चल रहे कामों को पूरा करने पर है. उन्होंने कहा कि किसी भी नए सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के प्राइवेटाइजेशन (Privatisation) को आगे बढ़ाने का केंद्र सरकार का अभी कोई प्लान नहीं है. इसके साथ ही अधिकारी ने बताया कि बजट 2021 में नीति आयोग ने विनिवेश विभाग को दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की सिफारिश की थी, अब बैंकों के निजीकरण की ये योजना भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई है. अधिकारी ने कहा कि सब कुछ सही समय पर किया जाएगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने 2021 के बजट भाषण में दो सरकारी बैंकों (Public Sector Banks) को प्राइवेट हाथों में सौंपने का ऐलान किया था. लेकिन कोरोना महामारी की शुरुआत होने के बाद हालात बदले और बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का मामला आगे नहीं बढ़ सका. अब इस संबंध में जो बड़ा अपडेट सामने आया है, वो ये है कि आम चुनाव से पहले ये संभव नहीं है. 

कुछ महीनों में IDBI के लिए बोलियां 
एक ओर जहां वित्त मंत्रालय अप्रैल-मई 2024 से पहले नए प्राइवेटाइजेशन पर ब्रेक लगाने की बात कह रहा है, तो वहीं दूसरी ओर निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (Dipam) 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में आईडीबीआई बैंक से संबंधित लेन-देन को पूरा करने का इच्छुक है. सरकार को उम्मीद है कि इस साल सितंबर 2023 में इससे संबंधित वित्तीय बोलियां मांगी जाएंगी. अधिकारी की मानें तो यह बोली प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में शुरू हो जानी चाहिए.

IDBI में इतनी हिस्सेदारी बिकेगी  
गौरतलब है कि केंद्र को आईडीबीआई बैंक में विनिवेश (IDBI Bank Divestment) के लिए प्रस्तावित 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए घरेलू और विदेशी निवेशकों से ब्याज के कई ऑफर प्राप्त हुए हैं. इस बिक्री में 30.48 प्रतिशत सरकारी हिस्सेदारी और 30.24 प्रतिशत भारतीय जीवन बीमा निगम की हिस्सेदारी शामिल है. पब्लिक सेक्टर के बैंक आईडीबीआई (IDBI) ने वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं. मार्च की तिमाही में बैंक का शुद्ध मुनाफा 64.1 फीसदी बढ़कर 1133 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. एक साल पहले की समान तिमाही में आईडीबीआई बैंक का नेट प्रॉफिट 691 करोड़ रुपये रहा था. 

 



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