क्या डूबते सूरज को अर्घ्य दे सकते हैं? शाम को जल चढ़ाना शुभ या अशुभ, जानें क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र
सूर्य को अर्ध्य देने का सबसे शुभ समय सूर्योदय को माना गया है. सूर्यास्त यानी कि डबूते समय को अर्ध्य देना शुभ नहीं माना गया है.
Water To Sun At Sunset : हिन्दू धर्म में सूर्य देव का बड़ा महत्व बताया गया है. पृथ्वी को प्रकाश देने के साथ ही सूर्य को ऊर्जा, शक्ति और जीवन का सबसे बड़ा स्रोत माना गया है. सुबह सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्ध्य देना और प्रार्थना करना बेहद शुभ माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि यदि हम सूर्य को अर्घ्य देने के नियमों का पालन करते हैं तो इसका भरपूर लाभ मिलता है. लेकिन, क्या डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देना उचित है? यह सवाल हमारे मन में उठना इसलिए भी लाजमी है क्योंकि कई अवसरों पर ऐसा किया जाता है. हालांकि डूबते सूर्य को अर्ध्य देने को कई लोग अशुभ मानते हैं और कई लोग शुभ क्योंकि सूर्य देव को जल चढ़ाना एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्म है. ऐसे में आपको ये जानना जरूरी है कि इस बारे में ज्योतिष शास्त्र क्या कहता है? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से.
क्या सूर्यास्त के समय अर्घ्य देना ठीक है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य को अर्ध्य देने का सबसे शुभ समय सूर्योदय को माना गया है. इसका अर्थ यह कि सूर्यास्त यानी कि डबूते समय को अर्ध्य देना शुभ नहीं माना गया है. दरअसल, इस दौरान अर्ध्य देने से आपको उसका सकारात्मक फल नहीं मिलता.
यह भी पढ़ें – Margshirsha Amavasya 2024: धन-धान्य की पूर्ति के लिए 4 चीजों का करें दान, हमेशा भरेगी तिजोरी!
हालांकि, कुछ विशेष अवसरों पर आप डूबते सूर्य को अर्ध्य दे सकते हैं. इसका सबस बड़ा उदाहरण है दीपावली के बाद आने वाला छठ पर्व. इस दिन श्रद्धालू डूबते सूर्य को अर्ध्य देते हैं. इसके अलावा यदि आप सूर्य देव की पूजा तीन पहर नियमित रूप से कर रहे हैं तो डूबते सूर्य को भी जल चढ़ाया जा सकता है क्योंकि तीन पहर की पूजा का अर्थ सुबह, दोपहर और शाम के समय में अर्ध्य देना है.
डूबते सूर्य को अर्ध्य क्यों नहीं देना चाहिए?
ऐसा माना जाता है कि जब सूर्य उगता है तो वह ऊर्जा देता है, लेकिन जब वह डूबता है तो ऊर्जा भी धीरे-धीरे घटती है और ज्योतिष में इस समय को प्रतिकूल ऊर्जा का समय माना गया है. सीधे शब्दों में कहा जाए तो इस समय में पूजा या धार्मिक अनुष्ठानों का प्रभाव नहीं होता और आपको इसके नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं. बल्कि इस समय में आप प्रार्थना कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें – भारतीय शादी की ये 5 रस्में हैं खास, इनके बिना अधूरा है विवाह, जानें क्यों हैं महत्वपूर्ण और दूसरी शादियों से अलग
मिलते हैं ये नकारात्मक प्रभाव
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देने से नकारात्मक शक्तियों के साथ राहु-केतु जैसे ग्रहों का प्रभाव बढ़ जाता है, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में सबसे क्रूर और अशुभ ग्रह की संज्ञा दी गई है. इससे आपके जीवन में धन की कमी सहित कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : November 27, 2024, 13:53 IST