क्या मुर्गियों को पीले गेंदे के फूल का चारा देने से बढ़ जाता है अंडों का उत्पादन? जानें एक्सपर्ट की राय


सौरभ वर्मा/रायबरेली : हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश हैं. आंकड़ों के अनुसार भारत की 70 प्रतिशत आबादी कृषि और पशुपालन पर भी निर्भर है. भारत में किसान गाय, भैंस,,बकरी, सूअर पालन के साथ मुर्गी पालन का काम भी कर रहे हैं. मौजूदा समय में मुर्गी पालन आय के बेहतर विकल्प के तौर पर उभर कर सामने आया है. मुर्गी पालन से बड़ी संख्या में किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं. सरकार भी किसानों को मुर्गी पालन करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर किसानों को इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए सब्सिडी भी देती हैं.

मुर्गी पालन एक ऐसा कारोबार है जो कम जमीन पर भी शुरू हो सकता है और लागत भी काम आती है. इसीलिए मुर्गी पालन का काम लोग बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. मुर्गी पालन करने वाले किसानों के लिए जरूरी होता है कि मुर्गी से अत्यधिक अंडा उत्पादन के साथ ही चिकन का उत्पादन प्राप्त किया जा सके. इसके लिए वह मुर्गियों के स्वास्थ्य से लेकर उनके चारे का भी इंतजाम करते हैं. जिससे वह उनसे अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सके. ऐसे में कुछ मुर्गी पालक किसान अपनी मुर्गियों को पीले गेंदा को चारे के रूप में देते हैं. जिससे मुर्गियों के अंडे में वजन की वृद्धि के साथ ही अंडा उत्पादन में भी वृद्धि होती है. तो आइए पशु चिकित्सा अधिकारी से जानते हैं मुर्गियों को पीला गेंदा खिलाने से क्या लाभ मिलता है.

लॉकडाउन में संयोग के कारण शुरू हुआ प्रयोग
रायबरेली के राजकीय पशु चिकित्सालय शिवगढ़ के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान असम के कृषि विज्ञान केंद्र ने चारे के संकट से जूझ रहे मुर्गी पालकों को पीले गेंदे की पंखुड़ियां को सुखाकर उन्हें मुर्गियों को चारे के रूप में देने की सलाह दी गई थी. जिसे किसान तब से लेकर आज तक अपना रहे हैं. जनरल ऑफ पोल्ट्री साइंस के अनुसार गेंदे के फूल के अर्क के बारे में अध्ययन किया गया तो उस अध्ययन में पाया गया कि मुर्गियों को गेंदा का फूल चारे के रूप में खिलाने से अंडे की जर्दी यानी कि पीला भाग में वृद्धि होती है साथ ही मुर्गियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी यह कारगर होता है.

बूस्टर चारा साबित हुआ गेंदे के फूल
डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि गेंदे के फूल में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो मुर्गियों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और किसी भी बीमारी से लड़ने में सहायता करते हैं. गेंदा एक बेहतरीन बूस्टर चारा साबित हो सकता है. अंडे की जर्दी यानी जो पीला भाग होता है वो मुर्गियों को खिलाए जाने वाले आहार पर निर्भर करती है. यदि गेंदे को आहार में शामिल किया जाए तो वे प्राकृतिक रूप से अंडे की जर्दी का रंग गहरा पीला और पोषण से भरपूर होगा. साथ ही मुर्गियों को गेंदे के फूल का चारा खिलाने से अंडा में कैरोटीन की वृद्धि हुई जो लोगों के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत मदद करता है.

ऐसे खिलाएं गेंदे के फूल
Local 18 से बात करते हुए डॉ इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि 100 किलोग्राम चारे में दो से तीन किलो गेंदा के फूल की पंखुड़ियां मिला प्रतिदिन खिलाने से अंडा उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ ही अंडे में बीटा कैरोटीन की मात्रा भी बढ़ जाएगी. साथ ही मुर्गियों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा. इसी के साथ ही अंडा उत्पादन में वृद्धि होगी.

 

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