क्या सिर्फ पटाखों पर प्रतिबंध से ठीक हो जाएगा दिल्ली का प्रदूषण या बिगड़ जाएंगे हालात? जानें लोगों की राय


दिल्ली. रविवार की सुबह पूरी दिल्ली धुआं-धुआं हो गई. चारों तरफ सिर्फ धुआं-धुआं नजर आ रहा था. वजह यह है कि शनिवार देर रात तक दिल्ली में पटाखे जलाए गए. रावण दहन के बाद भी दिल्ली वालों ने पटाखे जलाना नहीं छोड़ा और ऐसा तब हुआ जब दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है. सरकार के मुताबिक दिल्ली में जनवरी 2025 तक ना तो पटाखे खरीदे जाएंगे और ना ही बेचे जाएंगे लेकिन इसका कोई भी असर दिल्ली वालों पर नहीं नजर आया. यही वजह है कि रविवार की सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी.

यही नहीं चंडीगढ़, तमिलनाडु, यूपी और बिहार समेत अलग-अलग राज्यों से दिल्ली और इंडिया गेट घूमने आए पर्यटक भी इससे काफी परेशान नजर आए. आपको बता दें कि शनिवार को जहां दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 150 से लेकर 200 के बीच था तो वहीं रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 277 से 356 तक पहुंच गया है. जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक है. इस पर जब लोकल18 की टीम ने लोगों से बात की तो जरा सुनिए उन्होंने क्या कहा.

 फिर लगाना पड़ेगा मास्क
प्रदूषण से सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों को ही होती है. ऐसे में जब 6 साल की बच्ची आरवी पाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि दिल्ली में बहुत धुआं-धुआं है. वह खुद गाजियाबाद के रहने वाली हैं. प्रदूषण बढ़ेगा तो फिर मास्क लगाकर स्कूल जाना पड़ेगा. ऐसे में सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.

सिर्फ पटाखों पर प्रतिबंध से नहीं चलेगा काम
चंडीगढ़ के रहने वाले मोहित बंसल ने बताया कि वह दिल्ली घूमने आए थे लेकिन शनिवार को जैसे ही दिल्ली पहुंचे उनकी तबीयत बिगड़ गई. चारों ओर जाम था और आज प्रदूषण गले में दर्द हो रहा है और सांस लेने में भी उन्हें काफी दिक्कत हो रही है. सहारनपुर की ऋतु अपने पति के साथ इंडिया गेट रविवार को घूमने पहुंची थीं. उन्होंने कहा कि दिल्ली पहुंचते ही उन्हें लगा कि शायद कोहरा है, लेकिन बाद में पता चला कि यह पूरा धुआं है, जो रावण दहन के बाद जलने वाले पटाखे की वजह से हुआ है. उन्होंने कहा कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है, लेकिन पटाखों पर प्रतिबंध लगाने से प्रदूषण खत्म नहीं होगा. पटाखे लोग अपनी खुशी जाहिर करने के लिए भी जलाते हैं. अगर सरकार को रोक लगानी है तो गाड़ियों पर और फैक्ट्री ऊपर रोक लगाना होगा.

आम लोगों को भी देना होगा ध्यान
मोहम्मद अतहर ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं है बल्कि आम जनता की भी है. आम जनता को भी जिम्मेदारी लेनी होगी क्योंकि पर्यावरण जितना खराब होगा आपको ही रहने में दिक्कत होगी. वहीं दिल्ली की रहने वाली सुषमा ने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो दिल्ली में रहना अब मुश्किल हो जाएगा और भविष्य में लोग दिल्ली छोड़कर जाने लगेंगे. वहीं गाजियाबाद के राहुल ने कहा कि जनता को भी थोड़ा समझदार बनना चाहिए. पटाखे जलाएं लेकिन इतना ज्यादा नहीं कि अगले दिन आपको ही सांस लेने में दिक्कत होने लगे.

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