क्या है सनातन धर्म का असली मतलब? दिव्य पुष्टि पाठशाला में मिलगा संस्कृति-परंपराओं से जुड़ा हर जवाब


दीपक पाण्डेय/खरगोन. मध्य प्रदेश के खरगोन में एक अनोखा स्कूल है. यह स्कूल हफ्ते में एक दिन खुलता है. वो भी सिर्फ चंद घंटों के लिए. इसकी खासियत यह है कि इन्हीं चंद घंटों की क्लास में बच्चें हिंदू धर्म, सनातन, संस्कृति और परंपराओं की मूल जड़ों से जुड़ रहे हैं. वैज्ञानिक तथ्यों के साथ यहां शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं. फिलहाल 5 वर्ष से 15 वर्ष तक के करीब 150 बच्चें अध्ययन कर रहे हैं.

दरअसल, शहर के ब्राह्मण पूरी क्षेत्र में गोवर्धननाथ हवेली में दिव्य पुष्टि पाठशाला लगती है. सनातन धर्म और पुष्टि मार्ग के बारे में बताने के उद्देश्य से एक साल पहले इसकी शुरुआत हुई थी. इसमें बच्चों को तीन साल का कोर्स कराया जाएगा. इंदौर में श्री 108 दिव्येश कुमार महाराज द्वारा विगत 6 वर्षों से इसकी ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. खरगोन पहला ऐसा शहर है जहां ऑफलाइन क्लास लग रही है.

तीन साल का कोर्स
दिव्य पुष्टि पाठशाला की प्रभारी स्वेता महाजन ने बताया कि यहां तीन वर्ष का पाठ्यक्रम संचालित है. सिलेबस में पहले वर्ष प्रवेशिका, दूसरे वर्ष प्रथम और तीसरे वर्ष मध्यमा शामिल है. एक साल में 36 कक्षाएं लगती हैं. प्रति रविवार सुबह 10 बजे से 11:30 बजे तक डेढ़ घंटा क्लास रूम में 10 अनुभवी शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं.

बदली बच्चों की लाइफ स्टाइल
पाठशाला को शुरू हुए लगभग एक साल होने को है. इस एक साल में जो बदलाव हुए हैं, वो अविश्वनीय हैं. जो बच्चें दिनभर मोबाइल चलाते थे. कभी भगवान के सामने हाथ नहीं जोड़ते थे. हिंदू धर्म, संस्कृति और परंपराओं से अनजान थे. आज वही बच्चें संस्कृत में श्लोक बोलते हैं. पाठ करते हैं. सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक की पूरी दिनचर्या बदल चुकी है.

क्या है प्रवेश प्रक्रिया
खरगोन सहित आसपास के गांवों के बच्चें भी यहां एडमिशन ले सकते हैं. सुबह 10 से रात 8 बजे के बीच मंदिर के कार्यालय में एडमिशन फॉर्म उपलब्ध हैं. प्रवेश लेने के लिए 1450 रुपए का न्यूनतम शुल्क चुकाना होगा. इसके अलावा दिव्य पुष्टि पाठशाला की ऑफिसियल वेबसाइट www.divyapushti.org पर रजिस्ट्रेशन करके ऑनलाइन क्लास भी जॉइन कर सकते हैं. ऑनलाइन क्लास में देश-विदेश के बच्चे भाग लेते हैं.

Tags: Latest hindi news, Local18, Mp news



Source link

x