क्रीम रंग की साड़ी और हाथ में ‘लाल शगुन’, बजट लेकर निकलीं वित्त मंत्री निर्मला, किस पर बरसेगी कृपा
नई दिल्ली:
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लगातार आठवां बजट लोकसभा में सुबह 11 बजे पेश करेंगी. निर्मला सीतारमण सुबह करीब 8.50 बजे वित्त मंत्रालय पहुंचीं. उनसे पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी मंत्रालय पहुंच गए थे. इस बार सीतारमण क्रीम रंग की साड़ी में नजर आईं. बजट टीम के साथ उन्होंने फोटो सेशन करवाया. इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए राष्ट्रपति पहुंचीं, जहां पर उन्होंने बजट की कॉपी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी.
बजट की कॉपी राष्ट्रपति को सौंपने के बाद निर्मला सीतारमण लोकसभा जाएंगी. जहां पर 10:15 बजे कैबिनेट की बैठक होगी . जहां पर बजट को मंजूरी दी जाएगी. इसके बाद 11 बजे वो लोकसभा में बजट पेश करेंगी.
बता दें सीतारमण को साल 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था. इसी साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी. तब से सीतारमण ने सात बजट पेश किए हैं.
सीतारमण के नाम है सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड
स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट 26 नवंबर, 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था, पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और बाद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में वित्त मंत्री के तौर पर कुल 10 बजट पेश किए हैं. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नौ मौकों पर बजट पेश किया. प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आठ बजट पेश किए. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया, जब वह पी वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे.
सबसे लंबा बजट भाषण सीतारमण ने एक फरवरी, 2020 को दो घंटे 40 मिनट का दिया था. वर्ष 1977 में हीरूभाई मुलजीभाई पटेल का अंतरिम बजट भाषण अब तक का सबसे छोटा भाषण है, जिसमें केवल 800 शब्द हैं. बजट पारंपरिक रूप से फरवरी के आखिरी दिन शाम पांच बजे पेश किया जाता था. वर्ष 1999 में समय बदला गया और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया. तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है.
इसके बाद 2017 में बजट पेश करने की तिथि बदलकर एक फरवरी कर दी गई, ताकि सरकार मार्च के अंत तक संसदीय मंजूरी की प्रक्रिया पूरी कर सके।