खंडवा में बच्चियों को पुलिस अंकल ने किया ट्रेंड, घर से लेकर बाहर तक खुद का करेंगी बचाव


खंडवा. खंडवा पुलिस द्वारा छोटी बच्चियों को वेपंस ट्रेनिंग के साथ गुड टच बेड टच के साथ केसे होती है एफआईआर की जानकारी दे रही है. अगर आप किसी मुसबित में फस जाए तो पुलिस कैसे बुलाएं, ट्रेनिंग इसकी क्लास ले रहे हैं. खंडवा के थानेदार 12 सरकारी स्कूल के बच्चे पहुचेंगे. कोतवाली थाने पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया की गुड टच और बैड टच बच्चों को यह सिखाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सरल शब्द हैं. जिससे वे अपने शरीर और दूसरों के व्यवहार के प्रति जागरूक हो सकें. इसका उद्देश्य बच्चों को आत्म-सुरक्षा और जागरूकता के बारे में जानकारी देना है.

दी गई ये अहम जानकारियां

ऐसा स्पर्श जो हमें असहज, डरावना या अजीब महसूस कराता है. उदाहरण: कोई व्यक्ति गलत तरीके से हमारे निजी अंगों को छूने की कोशिश करता है, या ऐसा स्पर्श जो हमें दुखी या असुरक्षित महसूस कराता है. बच्चों को सिखाया जाता है कि वे अपने शरीर के मालिक हैं और किसी को भी उनके निजी अंगों को छूने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. बच्चे यह समझ सकें कि उन्हें कब और किससे मदद मांगनी चाहिए.

यौन शोषण और दुर्व्यवहार से बचाव

अगर कोई उन्हें असहज महसूस कराता है, यौन शोषण और दुर्व्यवहार से बचाव के लिए यह जानकारी दी जाती है. ताकि बच्चे खुद को सुरक्षित रख सकें. इस शिक्षा का मुख्य उद्देश्य बच्चों को खुद की सुरक्षा के लिए तैयार करना और उन्हें इस विषय पर खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित करना है. मासूम बच्चियों के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाओं से पता चलता है कि उनका यौन शोषण करने वाला कोई नजदीकी आदमी ही होता है. जिसके झांसे में बच्चे-बच्चियां आसानी से आ जाते हैं. अधिकतर मामलों में देखा जाता है कि कोई पड़ोसी या फिर रिश्तेदार यहां तक कि कई बार बुजुर्ग भी बैड टच कर बच्चे-बच्चियों का यौन उत्पीड़न करते हैं.

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