गजब! यह पौधा किसानों को बना सकता है लखपति, इत्र और धूपबत्ती उद्योग की है जान, जानें पौधे की कीमत


कन्नौज: उत्तर प्रदेश का कन्नौज जिले के किसान इस फसल की पैदावार करके लखपति बन सकते हैं. अभी इस फसल की पैदावार कन्नौज या भारत में कम है. जिसके चलते इसको बाहर देशों से लाया जाता है, लेकिन अब एफएफडीसी के वैज्ञानिकों ने इसके पौधौं को तैयार कर लिया है, तो अब कन्नौज के किसानों के लिए बहुत ही सुनैहरा मौका है. अब कन्नौज के किसान आसानी से लखपति बन सकते हैं.

पचौली का पौधा है बहुत ही लाभदायक
बता दें कि पचौली एक ऐसा पौधा है, जिसके पत्तियों से तेल निकाला जाता है. कन्नौज के अगरबत्ती उधोग में इसका खासा महत्व है. वहीं, इसका बड़े पैमाने में मादक और गैर मादक पदार्थों जैसे केन्डी, दूध से बनी मिठाई, वेक्ड पदार्थ में संघटक के रूप में किया जाता है. साथ ही इसका उपयोग साबुन, इत्र, बॉडी लोशन, सेविंग लोशन, डिटर्जेंट, तंबाखू और सुंगध में भी किया जाता है. इसके साथ ही पचौली की ताजी पत्तियों का काढ़ा बनाकर उपयोग किया जाता है.

जानें कहां होती है पौधों की पैदावार
पचौली पुदीना जाति का झाड़ीदार शाकीय पौधा है. पचौली तेल को चंदन तेल के साथ मिलाने पर बहुत अच्छा महशूस होता है. यह पौधा मलेशिया, इंडोनेशिया और सिंगापुर में जंगली पौधों के रूप में बढ़ता है. यह प्राकृतिक रूप से पैरग्वे, पैनांग, वेस्टइंडीज में फैला हुआ है.

जानें कहां मिलेगी पौध
बता दें कि कन्नौज रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर की दूरी और नेशनल हाइवे 91 पर छिबरामऊ मार्ग पर देश का एक मात्र फ्रेगरेंस रिसर्च सेंटर एफएफडीसी बना हुआ है. यहां के वैज्ञानिको ने पचौली की पौध को बड़ी संख्या में तैयार किया है. किसान यहां जाकर सीधे यह पौध प्राप्त कर सकते हैं. जहां 50 रुपए प्रति पौधा इसका मूल्य निर्धारित किया गया है. साथ ही कैसे इसकी खेती का प्रशिक्षण भी यहां दिया जाएगा.

जानें क्या बोले वैज्ञानिक
एफएफडीसी के वैज्ञानिक कमलेश कुमार ने बताया कि कन्नौज के किसान पचौली की खेती कर लाखों रुपए का इनकम कर सकते हैं. पचौली भारत में नहीं होता, लेकिन कन्नौज के इत्र उद्योग में पचौली का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है. पचौली के पौधे की पत्तियां बहुत गुणकारी होती हैं, इनमें से निकलने वाला तेल बहुत सारी चीजों में प्रयोग होता है. जिसका सबसे ज्यादा प्रयोग इत्र उद्योग और धूपबत्ती उद्योग में होता है.

जानें कैसे तैयार करें पौधे
ऐसे में कन्नौज के इत्र व्यापारी इसको बाहर से खरीदते हैं. कन्नौज के किसान अगर इसकी खेती कन्नौज में करें तो उनको लाखों रुपए का फायदा होगा. इसकी पौध तैयार की गई है. कन्नौज के किसान सीधे यहां पर आकर इसकी पौध खरीद सकते हैं. वहीं, किसानों को इसकी पैदावार कैसे करनी है, इसका प्रशिक्षण फ्री में दिया जाएगा.

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