गड्ढों से लगने लगा है डर… थोड़ी सी बारिश क्या हुई, निगम वालों के खुल गए पोल, पटना हुआ पानी-पानी


हाइलाइट्स

निगम के द्वारा काम के लिए गड्ढे खोदने के बाद उसे नहीं भरने के कारण गड्ढों में पानी जमा हो गया है.बारिश के कारण राजधानी की सड़कों पर बने गड्ढे और खुले नाले लोगों के परेशानी का सबक बन चुके हैं.

एलन लिली/प्रियांक सौरभ पटनाः बिहार में मानसून का आगमन हो चुका है. चारों तरफ मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी है. एक तरफ जहां लोगों को बारिश से राहत मिल रही है तो वहीं दूसरी तरफ जलजमाव से दो-दो हाथ करने पड़ रहे हैं. अलग-अलग जिलों के नगर निगमों की तैयारियों का पोल कुछ ही बारिश में खुल गया है. बिहार की राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर और गया से ग्राउंड रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें निगम की तैयारियों का सच सामने आ गया है.

राजधानी पटना का हाल बेहाल
मानसून को लेकर पिछले दो-तीन दिनों से राजधानी में हो रही बारिश के कारण राजधानी की सड़कों पर बने गड्ढे और खुले नाले लोगों के परेशानी का सबक बन चुके हैं. दरअसल, निगम के द्वारा काम के लिए गड्ढे खोदने के बाद उसे नहीं भरने के कारण गड्ढों में पानी जमा हो गया है, जिससे की आने-जाने वाले राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी में कई जगह नाले खुले हैं, जिससे लोगों के लिए खतरा बराबर बना रहता है. गड्‌ढों से दुखी लोग निगम कर्मचारियो से पूछ रहे हैं कि इससे होनेवाली दुर्घटना का जिम्मेवार कौन होग. शहर के कदमकुआं, कंकड़बाग और बेउर इलाके के कई जगहों पर सड़कों किनारे और बस्तियों में गड्ढे हैं. बेउर के स्थानिय सुनील कुमार ने बताया कि काम के लिए गढ्ढे तो किये गए लेकिन उन्हें भरा नही गया.

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मुजफ्फरपुर का हाल हुआ खस्ता
मानसून आते ही शहरों में विकास की वास्तविक तस्वीर सामने आ जाती है. मुजफ्फरपुर में भी कुछ ऐसे ही नज़ारे बारिश के बाद सामने आते हैं, जहां बीते कई साल से स्मार्ट सिटी को लेकर काम चल रहा है. मुजफ्फरपुर शहर में कई इलाके ऐसे हैं, जहां स्मार्ट सिटी के सुस्त तरीके से हो रहे काम का खामियाजा शहरवासी को झेलना पड़ता है. शहर के कई इलाके में गड्डे खोद दिये गए, जिसमे पानी भर गया, बारिश आते ही उसमे कई लोग गिर जाते हैं. लेकिन गड्ढा भरा नहीं जाता. हालांकि अब धीरे धीरे शहर की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी कई इलाकों में जलजमाव, नाले की समस्या, सड़क किनारे गड्डा एक बड़ी समस्या है.

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मुजफ्फरपुर में सड़क पर लगा पानी

स्मार्ट सिटी तो नहीं बनी लेकिन गड्ढे बन गए
नगर निगम की बैठक में बार बार रेगुलर नाला सफाई का मुद्दा उठाया तो जाता है, लेकिन स्थिति जस की तस हो जाती है. शहर के कई वार्डो में आज भी नाले का पानी रोड पर ज़मा होता है, जिससे हर महीने जलजमाव की स्थिति रहती है. शहर के कई इलाके ख़ासकर अतरदह से अघोरिया बाजार तक की स्थिति अमूमन वैसी ही रहती है. इस इलाके में ज्यादातर गलियों में नाले का पानी सड़क पर जमा है. स्थानीय कमलेश कुमार कहते हैं कि मानसून के दौरान तो घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है और तो और सड़क किनारे खोदे गए गड्ढों से डर भी लगता है.

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ये तस्वीर गया शहर की है, जहां सड़क पर लगे पानी में बच्चे खेल रहे हैं.

गया में निगम की खुली पोल
पूरे गया शहर की साफ-सफाई करने वाले नगर निगम इन दिनों खुद बदहाली पर है. हम इसलिए कह रहे हैं कि बरसात के दिनों में नगर निगम के द्वारा सभी 53 वार्डों में नाली की उड़ाही की जाती है ताकि बारिश का पानी सड़कों पर ना आए. लेकिन शहर की सफाई का जिम्मा रखने वाले नगर निगम ही इन दोनों बारिश के पानी से लबालब भरा हुआ है, जहां तक शहर के कई क्षेत्रों में बारिश होने पर नल का पानी सड़कों पर बहने लगती है और जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिसका जीता जागता उदाहरण यह तस्वीर बयां कर रही है.

बारिश के कारण सड़कों पर लगा पानी
हर साल बारिश से पहले नाले की उड़ाही का जिम्मा ठेकेदारों को दिया जाता है, जिसके लिए लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. लेकिन बारिश से कुछ महीने पहले हैं इसका टेंडर होता है और बारिश आते-आते यह काम पूरा नहीं हो पता है और यही वजह है कि बड़े नाले से लेकर नाली भी जाम रह जाती है, जिससे शहर वासी परेशान हो जाते हैं. गया जंक्शन की बाहरी परिसर की पूरी सड़क तालाब बन गया है, जिसे आने वाले वाहनों को भी संभल कर गाड़ी चलाना पड़ रहा है. यहां पता नहीं चल पा रहा था कि यह सड़क है या फिर तालाब.

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