गले नहीं उतर रही बिना ‘प्याज-टमाटर’ की ग्रेवी वाली सब्जी, दाम बढ़ने से पब्लिक परेशान, जानिए कब कम होंगे भाव?


नई दिल्ली. देशभर में पिछले कुछ दिनों से प्याज और टमाटर दोनों की कीमतों ने ऐसी रफ्तार पकड़ी है कि लोग महंगाई के आंसू रोने लगे हैं. आखिर ऐसा क्या हुआ कि एकाएक टमाटर और प्याज दोनों के दाम बढ़ गए. परेशान करने वाली बात यह है कि एक्सपर्ट की मानें तो प्याज की कीमतों में नई फसल आने तक तेजी बनी रह सकती है. देश में थोक प्याज व्यापार केंद्र के तौर पहचान रखने वाले नासिक जिले के लासलगांव में प्याज की कीमतें गुरुवार को बढ़कर `3000/क्विंटल हो गईं, जो एक महीने पहले `2000/क्विंटल थी. उधर, पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के चलते रोड ट्रांसपोर्टेशन प्रभावित हुआ जिससे टमाटर की सप्लाई पर असर पड़ रहा है. इसके चलते टमाटर का भाव भी 80 रुपये किलोग्राम तक पहुंच गया है.

सवाल है कि टमाटर और प्याज की कीमतों में आई यह तेजी कब खत्म होगी. सब्जी के इन 2 प्रमुख घटकों के भाव कब कम होंगे?

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अक्टूबर तक कीमतें बढ़े रहने के आसार

व्यापारियों का कहना है कि किसान ऊंची कीमतों की उम्मीद में प्याज का स्टॉक कर रहे हैं क्योंकि पिछले तीन वर्षों में पहली बार उन्हें बेहतर कीमतें मिल रही है. जबकि अब तक ख़रीफ़ (ग्रीष्म) की बुआई अच्छी रही है, अक्टूबर में ख़रीफ़ की फसल बाज़ार में आने तक प्याज की कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है.

वैसे तो ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो प्याज की कीमतों में ज्यादातर बढ़ोतरी अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के दौरान देखी गई है. ऐसे में बारिश के सीजन में प्याज के दाम बढ़ना हैरान करने जैसा है. हालांकि, अगस्त 2023 में, खरीफ की फसल की धीमी बुआई के कारण प्याज की कीमतें बढ़ना शुरू हो गई थीं. क्योंकि देरी और कम मानसूनी बारिश ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों को प्रभावित किया था.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मूल्य निगरानी प्रभाग के अनुसार, टमाटर का डेली एवरेज रिटेल प्राइस 3 जुलाई को 55 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया, जो एक महीने पहले 35 रुपये था.

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