चंद्रमा पर सोने की खदान! कई देशों की अकूत खजाने पर नजर, क्‍या शुरू हो सकती है माइनिंग?



Moon 201 1200 900 shutterstock चंद्रमा पर सोने की खदान! कई देशों की अकूत खजाने पर नजर, क्‍या शुरू हो सकती है माइनिंग?

नई दिल्‍ली. चंद्रमा (Moon) पर संभावित संसाधनों को लेकर दुनिया के कई देशों के बीच एक होड़ सी लग गई है. नासा (NASA) की मानें तो चंद्रमा पर दस लाख टन हीलियम-3 मौजूद है जो पृथ्‍वी पर एक दुर्लभ आइसोटोप है. इसी तरह कई आवश्यक दुर्लभ पृथ्वी धातुएं भी चंद्रमा पर मौजूद हैं. सवाल है कि क्‍या चंद्रमा पर बहुत जल्‍द खनन शुरू हो जाएगा. तो इसका जवाब है; नहीं. 1966 की संयुक्त राष्ट्र बाह्य अंतरिक्ष संधि में कहा गया है कि कोई भी देश चंद्रमा या अन्य खगोलीय पिंडों पर संप्रभुता का दावा नहीं कर सकता है, और अंतरिक्ष अन्वेषण से सभी देशों को लाभ होना चाहिए.

भारत द्वारा अपने मून मिशन पर भेजे गए चंद्रयान-3 के बाद से दुनिया भर में खलबली मची हुई है. अमेरिका, चीन और भारत के बाद अब रूस ने चंद्रमा-लैंडिंग स्‍पेसक्राफ्ट लॉन्‍च किया है. अंतरिक्ष खोज के एक अहम अभियान में 47 सालों में रूस ने यह कदम उठाया है. चंद्रमा, हमारे ग्रह से 3,84,400 किमी दूर स्थित है, जो पृथ्वी के अक्षीय उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करके जलवायु स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह विश्व के समुद्री ज्वार-भाटे को भी प्रभावित करता है.

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चंद्रमा पर अकूत खजाना, इसलिए आकर्षित हो रहे कई देश
2008 में भारतीय मिशन चंद्रयान-1 द्वारा चंद्रमा पर निश्चित रूप से पानी की खोज की गई थी, जिसमें चंद्रमा की सतह पर फैले और ध्रुवों पर केंद्रित हाइड्रॉक्सिल अणुओं का पता लगाया गया था. पानी न केवल मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का स्रोत भी हो सकता है, जिसका उपयोग रॉकेट ईंधन के लिए किया जा सकता है. चंद्रमा अपने संभावित संसाधनों के लिए वैश्विक ध्यान आकर्षित कर रहा है. स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों में आवश्यक दुर्लभ पृथ्वी धातुएं भी चंद्रमा पर मौजूद हैं. बोइंग द्वारा किए गए शोध के अनुसार, इनमें स्कैंडियम, येट्रियम और 15 लैंथेनाइड्स शामिल हैं.

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