चातुर्मास की पहली अमावस्या पर करें ये काम…पितरों को मिलेगा मोक्ष


हरिद्वार. हिंदू धर्म में चातुर्मास के पहले महीने आषाढ़ में पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. आषाढ़ माह की अमावस्या को पितरों के निमित्त कार्य करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति मिलने की धार्मिक मान्यता है. चातुर्मास का सबसे पहला महीना आषाढ़ का होता है जो साल 2024 में 23 जून से शुरू हो गया था. आषाढ़ माह की अमावस्या 5 जुलाई 2024 को है. इस दिन अपने पितरों के निमित्त पिंडदान और कर्मकांड करने की धार्मिक मान्यता हैं. आषाढ़ अमावस्या को अपने पितरों के निमित यदि कोई भी कार्य किया जाता है तो उसका कई गुना लाभ मिलता है और पितरों को शांति प्राप्त होती है.

हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने लोकल 18 ने बताया कि आषाढ़ माह की अमावस्या पितरों के निमित्त कोई भी कार्य करने के लिए श्रेष्ठ है. चातुर्मास की पहली अमावस्या को अपने पितरों के निमित्त कर्मकांड, तर्पण, पिंडदान आदि करने से पितरों को शांति मिलती है. साथ ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता भी हिंदू धार्मिक ग्रंथो में बताई गई है. आषाढ़ माह की पहली अमावस्या को धर्म कर्म के कार्य करना महत्वपूर्ण होता है.

पितरों के निमित्त करें ये काम
चातुर्मास में विष्णु भगवान के शयन काल से पूरे सृष्टि का संचालन भगवान भोलेनाथ करते हैं इसलिए चातुर्मास की पहली अमावस्या को पितरों के निमित्त कर्मकांड, तर्पण, पिंडदान आदि कार्य करने का महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि आषाढ अमावस्या पर अपने पितरों के निमित्त समर्पित होकर यदि उनकी शांति के लिए कोई भी कार्य किया जाए तो उसका कई गुना लाभ प्राप्त होता है.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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