चीन में लोग अपने पालतू जानवरों के नाम कर देते हैं करोड़ों की संपत्ति, क्या भारत में ऐसा कर पाना मुमकिन है?



<p>बीते दिनों चीन से आई एक खबर ने सबको चौंका दिया था. दरअसल, चीन की एक महिला ने अपनी 23 करोड़ रुपये की संपत्ति अपनी पालतू बिल्लियों और कुत्तों के नाम कर दी थी. अब ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या भारत में भी ऐसा करना कानूनन मुमकिन है. चलिए आपको इसेके बारे में विस्तार से बताते हैं.</p>
<p><strong>क्या भारत में ऐसा किया जा सकता है&nbsp;</strong></p>
<p>भारत में, किसी व्यक्ति का अपनी संपत्ति को अपने पालतू जानवर के नाम पर कानूनी रूप से नामित करना संभव नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय कानून में जानवरों को कानूनी व्यक्तित्व यानी लीगल पर्सनालिटी (legal personality) नहीं माना जाता है. आसान भाषा में कहें तो पालतू जानवर एक कानूनी इकाई नहीं माने जाते, जो संपत्ति को अपने नाम पर प्राप्त कर सकें या उसकी देखभाल कर सकें. हालांकि, कुछ तरीके ऐसे हैं जिनके माध्यम से आप अपने पालतू जानवरों की भलाई के लिए अपनी संपत्ति का उपयोग कानूनी रूप से कर सकते हैं.</p>
<p><strong>इन तरीकों से ऐसा हो सकता है</strong></p>
<p>भारत में आप अपने पालतू जानवरों के नाम संपत्ति भले ही नहीं कर सकते, लेकिन उनकी देखभाल और भलाई के लिए अपनी संपत्ति को अप्रत्यक्ष रूप से उपयोग जरूर कर सकते हैं. इसके लिए आपको कुछ कानूनी संरचनाओं का सहारा लेना होगा. खासतौर से भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 (Indian Succession Act, 1925) का. इसके तहत वसीयत (Will) का प्रावधान है. इसके अलावा भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 (Indian Trusts Act, 1882) का भी आप इसके लिए उपयोग कर सकते हैं.</p>
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<p><strong>पहले वसीयत वाला एंगल समझिए</strong></p>
<p>आप अपनी संपत्ति की वसीयत कर सकते हैं, जिसमें यह लिखा जा सकता है कि आपकी मृत्यु के बाद आपके पालतू जानवर की देखभाल के लिए किसी व्यक्ति, जैसे- परिवार का सदस्य, दोस्त या किसी अन्य भरोसेमंद व्यक्ति को संपत्ति सौंपी जाए. उस व्यक्ति पर कानूनी रूप से यह जिम्मेदारी होगी कि वह पालतू जानवर की देखभाल करे और वसीयत में दिए गए निर्देशों का पालन करे. आपको बता दें, भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के तहत बनाई गई वसीयत वैध मानी जाती है और इसे अदालत में चुनौती भी दी जा सकती है.</p>
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<p><strong>ट्रस्ट वाले एंगल से समझिए</strong></p>
<p>भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के अनुसार, आप अपनी संपत्ति का एक ट्रस्ट स्थापित कर सकते हैं, जिसका उद्देश्य आपके पालतू जानवर की देखभाल सुनिश्चित करना होगा. ऐसा करने पर भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के अनुसार, आप एक ट्रस्टी (Trustee) नियुक्त कर सकते हैं, जिसकी यह जिम्मेदारी होगी कि वह आपके पालतू जानवर के लिए ट्रस्ट की संपत्ति का उचित प्रबंधन करे और उसका उपयोग पालतू जानवर की भलाई के लिए करे.</p>
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