चैत्र या कार्तिक कब हुआ था हनुमान जी का जन्म? साल में दो बार मनाई जाती है जयंती! जानें रहस्य


अभिषेक जायसवाल/वाराणसी : संकट मोचन हनुमान की जयंती साल में दो बार मनाई जाती है. हनुमान जयंती पहली बार चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है वहीं दूसरी बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को साल में दूसरी बार ये जयंती मनाई मनाई जाती है. साल में दो बार हनुमान जयंती मनाने को लेकर लोगों के मन में कई सवाल भी उठता है. आपके मन मे भी इसको लेकर कुछ सवाल हैं तो आज ही आप अपना कन्फ्यूजन दूर कर लिजिए. इस सवाल का सही जवाब काशी के ज्योतिषाचार्य से जान लीजिए.

पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि दो अलग-अलग तिथियों पर हनुमान जयंती मनाने के पीछे अलग-अलग वजहें और धार्मिक कथा जुड़ी है. एक कथा हनुमान जी के जन्म से जुड़ा है तो दूसरा कथा उनके मूर्छित होने के बाद दोबारा जन्म लेने से जुड़ी है.

जब हनुमान जी पर हुआ वज्र प्रहार…
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है. इसके पीछे पौराणिक कथा है कि बचपन में निद्रा से जागने के बाद भूख से बेहाल मारुति नंदन ने पेड़ के करीब लाल पका फल देखा तो वी उसके ओर बढ़ गए. दरसअल,वो कोई फल नहीं बल्कि सूर्यदेव थे. उस समय राहु सूर्य को ग्रहण लगाने वाले थे लेकिन हनुमान को तेजी से उनकी ओर बढ़ता देख वो डर गए. इसके बाद वो मदद के लिए सीधे इंद्रदेव के बाद पहुंचे. तभी वहां देवराज इंद्र प्रकट हो गए. उन्होंने हनुमान पर वज्र प्रहार कर उन्हें मूर्छित कर दिया.

चैत्र मास की पूर्णिमा को मिला था दूसरा जीवन
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार हनुमान जी पवन पुत्र माने जाते हैं. ऐसे में पवनदेव को जब इस घटना के बारे में पता चला तो वे क्रोधित हो गए और उन्होंने वायुमंडल से वायु का प्रवाह रोक दिया. जिसके बाद ब्रह्मा, अन्य देवताओं के साथ वायुदेव के पास जाते हैं और हनुमान जी को दूसरा जीवन प्रदान करते हैं. इसके अलावा सभी देवता उन्हें अपनी शक्तियां प्रदान करते हैं. इसी दिन हनुमान जी को दूसरा जीवन मिलता है. यह घटना चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि थी, तब से इस तिथि पर भी हनुमान जयंती मनाई जाती है.

इस दिन हुआ था हनुमान जी का जन्म
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि वहीं कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हनुमान जी के जन्म की बातें कई धार्मिक पुस्तक में लिखी गई है. कथाओं के अनुसार इसी दिन हनुमान जी का जन्म माता अंजनी के गर्भ से हुआ था.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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