छतरपुर में बढ़ते पत्थर प्लांट, क्या खत्म हो जाएगी हरियाली? जनसुनवाई में गूंजा स्थानीय लोगों का गुस्सा
छतरपुर: पहाड़ों की प्राकृतिक खूबसूरती देखने के लिए बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में दूर-दूर से लोग आते हैं. देश से ही नहीं विदेशों से भी लोग यहां की खूबसूरती देखने आते हैं. छतरपुर जिला जो ग्रेनाइट चट्टान के पहाड़ों के लिए जाना जाता है. लेकिन बढ़ती टेक्नालॉजी के चलते अब इन पहाड़ों का उत्खनन तेजी से हो रहा है. मप्र के छतरपुर जिले में पहाड़ों के उत्खनन से रहवासी परेशान हो रहे हैं. हाल ही में छतरपुर के बारीगढ़ में पत्थर प्लांट के लिए 5 हेक्टेयर पहाड़ की लीज स्वीकृत की गई है. प्लांट लगने से पहले यहां सागर स्थित मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पब्लिक हियरिंग रखी गई जहां नगरवासी इकट्ठे हुए.
नगरवासी पहाड़ की लीज का विरोध कर रहे हैं
रिटायर्ड शिक्षक उदयभान सिंह लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि 5 हेक्टेयर पहाड़ की लीज बनने से यहां प्लांट लगेगा. प्लांट लगने से दुर्घटनाएं होंगी. माता जी का मंदिर है. श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं, हर सोमवार को लेटकर भी आते हैं. ये सब व्यवस्थाएं चौपट हो जाएंगी. किसानों के खेत बंजर हो जाएंगे. जब खेत ही बंजर हो जाएंगे तो हमारे बच्चे खाएंगे क्या. इसलिए आपत्ति दर्ज कराने आए हैं.
जंगल कटने से बारिश कम होगी
पर्यावरण बोर्ड की जनसुनवाई में आए किसान बृजभान सिंह बताते हैं कि हमें इस प्लांट से आपत्ति है. क्योंकि जिन पहाड़ों की लीज बनी है वहां सैकड़ों पेड़ लगे हैं. इन पहाड़ों के आसपास हमारे खेत हैं. इसलिए आपत्ति दर्ज करवानी है. वहीं शिवप्रसाद अहिरवार बताते हैं कि प्लांट के आसपास हमारे खेत तो नहीं है फिर भी यहां आपत्ति दर्ज कराने आए हैं. यहां बारिश पहले से नहीं होती है जो जंगल है वो भी कट जाएगा. जिसकी वज़ह से बारिश भी कम होगी.
ब्लास्टिंग से होता है जान को खतरा
जनसुनवाई में आए अवधेश चौरसिया बताते हैं कि क्रशर प्लांट लगने से दिनभर ब्लास्टिंग होती है. यहां से दूर प्रकाश बम्हौरी, घटहरी में जो पत्थर प्लांट लगे हैं. उस प्लांट में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसलिए नगरवासी चाहते हैं कि यहां उत्खनन न हो और इस पहाड़ की लीज निरस्त होनी चाहिए.
FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 18:41 IST