जंगली जानवर करेंगे नुकसान, तो नए नियम से मिलेगा मुआवजा, जानें कैसे करें आवेदन, कौन से कागजात जरूरी


गुमला. झारखंड में कई जिले हरे-भरे जंगल, पहाड़, नदियों से घिरे हैं. खासकर गुमला जिले में वन्य अभ्यारण्य भी हैं, जहां बड़ी तादाद में जंगली जीव-जंतु पाए जाते हैं. विशेषकर हाथी, जिनकी संख्या जंगलों में बहुतायत में है. यही हाथी जब जंगलों से निकलकर रिहायशी इलाकों में पहुंचते हैं, तो कई बार उपद्रव भी मचाते हैं. इससे जान-माल के नुकसान का खतरा रहता है. हाथी घर ढहा देते हैं, फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. हाथियों के कारण हर साल गुमला के लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है.

वन्य जीवों द्वारा क्षति पहुंचाने पर सरकार लोगों को मुआवजा देती है. हाल के दिनों में मुआवजे की राशि में बढ़ोतरी की गई है. हाथियों द्वारा घर क्षतिग्रस्त किए जाने पर पीड़ित को न्यूनतम ₹10000 से लेकर अधिकतम ₹100000 तक मुआवजा दिया जाता है. लेकिन अब सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर 120000 रुपए कर दिया है. यह मुआवजा वन विभाग की ओर से पीड़ित परिवार को दिया जाएगा. हाथी या अन्य किसी भी जंगली जानवरों द्वारा क्षति पहुंचती है, तो अब सरकार के नए संकल्प के तहत वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग पहले से ज्यादा मुआवजा देगा.

क्या है मुआवजे का गणित

  • जंगली जानवरों द्वारा किसी मनुष्य की मृत्यु होने पर मृतक के आश्रित को ₹400000, गंभीर रूप से घायल होने पर डेढ़ लाख व मामूली जख्मी होने की हालत में ₹25000 दिया जाएगा.
  • स्थायी रूप से अपंग होने पर 325000 रुपए मुआवजा दिया जाएगा.
  • भंडारित अनाज को क्षति पहुंचने पर प्रति क्विंटल ₹2600 के हिसाब से और अधिकतम ₹20000 तक देने का प्रावधान है.
  • गाय-भैंस या बैल की मृत्यु होने पर ₹25000 से लेकर ₹50000 तक मुआवजा दिया जाएगा.
  • बकरा/बकरी या भेड़ की मृत्यु होने पर ₹5000, बछड़े या बाछी की मृत्यु होने पर 8 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा.
  • भूमिधर किसान द्वारा खुद से फसल उपजाने के मामले में क्षति पहुंचने पर प्रति हेक्टेयर 32500 रुपए, वहीं अधिकतम 65 हजार रुपए देने का प्रावधान है.
  • खेत में लगी फसल को क्षति पहुंचने पर खेत मालिक को प्रति हेक्टेयर 10833 रुपए व अधिकतम 21666 रुपए देने का प्रावधान है.

कौन से कागजात जरूरी, क्या है प्रक्रिया
सरकार से मुआवजा राशि लेने के लिए फोटो, बैंक पासबुक, जमीन का कागज, खतियान, रसीद आदि होना जरूरी है. डीएफओ गुमला अहमद बेलाल अनवर ने लोकल18 को बताया कि सरकार ने पिछले साल नया संकल्प जारी किया था. इसके तहत मुआवजा राशि रिवाइज की गई है. मुआवजा लेने के लिए विभाग से फॉर्म मिलेगा. यदि घर क्षतिग्रस्त हुआ है तो ध्वस्त घर का फोटो लेना है. फोटो के साथ भूमि संबंधित पेपर चाहिए- जैसे खतियान, रसीद आदि. इन सारे डॉक्यूमेंट के साथ एक जॉइंट इंस्पेक्शन होता है. हल्का कर्मचारी, मुखिया, वन समिति के मेंबर, फॉरेस्टर मामले की जांच कर सभी दस्तावेजों के साथ रेंज ऑफिस में फॉर्म जमा करेंगे. रेंज ऑफिसर इन चीजों को क्रॉस चेक करने के बाद मुआवजा राशि तय करता है. इसके बाद डीएफओ आदेश पारित करता है और पीड़ित को मुआवजे का पैसा दिया जाता है.

Tags: Gumla news, Local18



Source link

x