जंगल की आग में इंसानों का हाथ? 900 लोग चिन्हित, अब तक 20 हजार हेक्टेयर में संपदा राख, करोड़ों का नुकसान
शिमला. हिमाचल प्रदेश के जंगलों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. अभी तक प्रदेश में 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा की वन संपदा राख हो चुकी है. प्रदेश में आग लगने के 1900 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, जो लगातार बढ़ रहे हैं. इन घटनाओं में साढ़े 7 करोड़ से ज्यादा की वन संपदा का नुकसान हो चुका है. आग लगने की इन घटनाओं में आयुर्वेदिक पौधों सहित जंगली जीवों को भी नुकसान हुआ है.
इन घटनाओं में 4 हज़ार हेक्टेयर से ज्यादा की भूमि पर हुआ पौधरोपण भी जल चुका है. हिमाचल प्रदेश वन विभाग के अतिरिक्त प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट डॉ. पुष्पेंद्र कुमार राणा ने Local 18 को बताया कि आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. इसमें अभी तक कुल 1872 घटनाएं दर्ज की गई हैं. इन घटनाओं में 20 हजार हेक्टेयर की वन संपदा राख हो चुकी है.
आयुर्वेदिक पौधों और जंगली जीवों को नुकसान
आग लगने की घटनाओं में 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा की वन संपदा राख हो चुकी है. इसमें 4 हजार हेक्टेयर से ज्यादा की भूमि पर हुआ पौधरोपण भी राख हो चुका है. आग लगने की घटनाओं में आयुर्वेदिक पौधों सहित वन्य जीवों को भी नुकसान हुआ है. हालांकि, मौजूदा समय में इनका आंकलन नहीं हो पाया है. मानसून आने के बाद आयुर्वेदिक पौधों और जंगली जीवों को हुए नुकसान का आंकलन किया जाएगा.
आग लगने की ज्यादा घटनाएं मानव जनित
डॉ. पीके राणा बताते हैं कि आग लगने की अधिकतर घटनाएं मानव जनित हैं. इसमें प्राकृतिक घटनाएं बहुत कम हैं. लोग अपनी घासनियों में गलत तरीकों से आग लगाते हैं और वह आग फैल कर जंगलों में पहुंच जाती है. इससे वन संपदा सहित जंगली जीवों को भी नुकसान होता है. यदि किसी व्यक्ति की लापरवाही से जंगलों में आग लगती है, तो ऐसे लोगों पर वन विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है. इस वर्ष करीब ऐसे 900 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनकी लापरवाही से जंगलों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं. इनमें कई लोगों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई गई है.
बीते 4 वर्षों में सबसे ज्यादा घटनाएं
जंगलों में आग लगने की घटनाएं बीते 4 वर्षों में सबसे ज्यादा हैं. वित्तीय वर्ष 2021-22 में जंगलों में आग लगने की मात्र 33 घटनाएं सामने आई थी. 2022-23 में ये घटनाएं बढ़ कर 860 पहुंच गईं और 2023 -24 में 681 घटनाएं सामने आई थी. हालांकि, 2020- 21 में जंगलों में आग लगने की करीब 4 हजार घटनाएं सामने आई थी. वित्तीय वर्ष 2024 -25 के अनुसार वर्तमान समय में यह घटनाएं 1872 तक पहुंच चुकी हैं और लगातार घटनाएं बढ़ रही हैं.
लोगों से सहयोग की अपील
अतिरिक्त पीसीसीएफ पीके राणा ने लोगों से जंगल की आग बुझाने में सहयोग करने की अपील की है. कहा कि हिमाचल प्रदेश में वन विभाग और दमकल विभाग का स्टाफ सीमित है. ये कर्मचारी जंगलों की आग को कंट्रोल करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. स्थानीय लोगों और ग्रामीणों का भी इसमें आगे आना बहुत जरूरी है. स्थानीय लोगों के सहयोग से ही जंगलों की आग पर काबू पाया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : June 15, 2024, 17:51 IST